कोडरमा सांसद के आवास पर संयुक्त किसान मोर्चा ने दिया धरना
22 फ़रवरी : किसान आन्दोलन पर जारी हमले, किसानों की मौत और मजदूर विरोधी श्रम कोड के खिलाफ़ आज संयुक्त किसान मजदूर मोर्चा के द्वारा कोडरमा की भाजपा सांसद अन्नपूर्णा देवी के आवास के सामने धरना दिया। धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कोडरमा के किसान और मज़दूर शामिल हुए। कार्यक्रम के माध्यम से सांसद को 12 सूत्री मांगपत्र सौंपा गया।
इसके तहत संयुक्त किसान मोर्चा के साथ भारत सरकार की दिसंबर 2021 में हुए लिखित समझौता लागू करने, किसान आंदोलन पर हो रहे दमन को बंद करने. सी 2 + 50% के आधार पर एमएसपी को कानून के दायरे में लाने,.सभी कृषि लोन को माफ करने
2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को पुनर्बहाल करने ,बिजली के निजीकरण और स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर रोक लगाने ,लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त केंद्रीय राज्य मंत्री (गृह) अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने .सभी किसानों को ₹10000 प्रतिमाह पेंशन सुनिश्चित करने , श्रमिक विरोधी श्रम कोर्ड को वापस लेने, सभी स्कीम वर्कर्स को 26000 प्रति माह वेतन दिया जाए,. ढीबरा चुनने और बेचने के आधिकार पर पाबंदी लगाने वाली केन्द्र सरकार की अधिसूचना वापस नेने समेत कई मांगें शामिल हैं।
किसान आतंकवादी नहीं अन्नदता हैं-पुरन महतो
प्रदर्शनकारी किसनों को संबोधित करते हुए किसान महासभा के नेता पुरन महतो ने कहा कि देश के किसानों के खिलाफ़ केद्र सरकार युद्ध पर उतर आई है। किसान आतंकवादी नहीं अन्नदता हैं ,मोदी सरकार किसानों पर बर्बर हमला करना बन्द करे। किसानों की मौत की कीमत मोदी सरकार को 2024 में चुकानी पड़ेगी वनभुमि की जमीन से किसानों को बेखल करने और ढिबरा मज़दूरों के रोजगार पर केन्द्र सरकार के फैसले से लगी पाबंदी वापस लेने का दबाव सांसद महोदया केंद्र सरकार बढ़ाएं वरना ढिबरा मजदूरों के गुस्से के करण बुरा दिन देखना पड़ेगा।
यह सिर्फ किसानों की नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक की लडाई है-असीम सरकार
किसान सभा के संयुक्त सचिव असीम सरकार ने कहा कि यह सिर्फ किसानों की नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक की लडाई है। देश कोई राजा से नहीं संविधान से चलेगा। खाद्य सुरक्षा कानून के द्वारा गरीबों के भोजन का अधिकार को छिनने का काम किया जा रहा है। देश के मजदूर किसान और मेहनत इसबार मोदी सरकार की विदाई करेंगे। किसान मजदूर मोर्चा के नेता प्रकाश रजक ने संबोधित करते हुए कहा कि किसान आदोलन के दौरान सात सौ किसानों की मौत हो गई, पर सरकार कुंभकर्णी निद्रा में सोई हुई है। लोकतंत्र और संविधान के पक्ष में आवाज़ उठाने वाले किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेलों में बन्द कर तानाशाही कर रही है । ऐसी निकम्मी सरकार नहीं चलेगी।
मोदी सरकार की गारंटी झूठ का पुलिंदा-भूवनेश्वर केवट
किसान-मज़दूरों के संयुक्त मोर्चा की ओर से संबोधित करते हुए ऐक्टू नेता भूवनेश्वर केवट ने कहा कि मोदी सरकार की गारंटी झूठ का पुलिंदा है, पिछले दस वर्षों में देश की जनता को जितनी गारंटी दी गई वो सबके सब फेल है। महंगाई भ्रष्टचार, कालाधन, बे रोजगारी इसके ताजा सबुत है उल्टे देश संपतियो को अपने दोस्तों के निजी हाथों में बेचने का काम किया है, इस बार देश के संसाधनों, संविधान और लोकतंत्र और आजादी को बचाने के लिए भाजपा को परास्त करना जरूरी है। झारखंड जेनरल मजदुर यूनियन ने माननीय सांसद को 5 सूत्री मांग पत्र सौंपा जिसमें बांझे डीह पॉवर प्लांट के क्षेत्र को केंद्र सरकार के न्यूनतम वेतन सूची में सी केटेगरी से हटाकर बी केटेगरी में शामिल करने की मांगें शामिल हैं।
कार्यक्रम को तुलसी राणा, इब्राहीम अंसारी, मुन्ना यादव , राजेन्द्र मेहता, शारदा देवी,शैरु निशा, ऐक्टू नेता विजय पासवान, महेश सिंह, संदीप कुमार, अशोक यादव, समेत कई नेताओं ने संबोधित किया।विजय यादव, अमर यादव, अमर नाथ यादव ढिबरा मज़दूरों के नेता गयासुद्दीन अंसारी ने भी संबोधित किया।
केंद्र सरकार ने किसानों से किया वादा नहीं किया पूरा-संयुक्त किसान मोर्चा
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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