सूबे के लोगों को अब दीवानी एवं फौजदारी केस करने और लड़ने में अब पहले से काफी अधिक जेब पर बोझ बढ़ेगा। सस्ता न्याय अब महंगा हो गया है। झारखंड हाईकोर्ट के वकालतनामा पर अब 50 रुपये की कोर्ट फीस चिपकायी जाएगी। वर्तमान में यह पांच रुपये ही है। यानी 10 गुना तक बढ़ोतरी की गई है। इसी तरह राज्य की निचली अदालतों के वकालतनामा पर कोर्ट फीस पांच से बढ़ाकर 30 रुपये कर दी गई है।
सूट फाइल करने के पहले मोटी रकम की व्यवस्था करनी होगी
निचली अदालतों के शपथ पत्र पांच रुपये की जगह 20 एवं हाईकोर्ट में यह 30 रुपये हो गया है। विवाद से संबंधित सूट फाइल करने में अब अधिकतम तीन लाख रुपये की कोर्ट फीस लगेगी। वर्तमान में यह 50 हजार रुपये ही है। इससे दीवानी के साथ फौजदारी मामलों में केस फाइल करने का खर्च काफी बढ़ गया है। सूट फाइल करने के पहले मोटी रकम की व्यवस्था करनी होगी। इसी तरह हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने पर अब एक हजार रुपये लगेंगे।
वर्तमान में 250 रुपये है। सामान्य आवेदन पर शुल्क 250 से 500 रुपये किया गया है। अपील एवं अदालत में रिप्रेजेंटेशन चार गुना महंगा हो गया है। झारखंड सरकार ने अपनी आय बढ़ाने के लिए कोर्ट फीस में जबरदस्त वृद्धि की है। इससे सरकार को प्रत्येक साल करोड़ों रुपये का अधिक राजस्व प्राप्त होगा। तर्क यह दिया जा रहा है कि काफी समय से कोर्ट फीस नहीं बढ़ाई गई थी। वर्तमान में यह कोर्ट फीस काफी कम है।
कोर्ट फीस बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने कोर्ट फीस (झारखंड संशोधन अधिनियम) 2021 की अनुमति दी थी। राज्यपाल की अनुशंसा के बाद झारखंड गजट प्रकाशित कर दिया गया है।
जेएसबीसी के सदस्य संजय कुमार विद्रोही ने कहा, ‘सामान्य व्यक्ति के लिए अदालत से न्याय पाना महंगा हो गया है। कहा जाए तो अब न्याय पाना एक सपना के बराबर हो गया है। सूट में पहले 50 हजार तक की कोर्ट फीस लगती थी, जो बढ़कर तीन लाख रुपये तक हो गई है। अदालत में अर्जी, अपील दाखिल करने से लेकर नकल निकलाना महंगा हो गया है। कोर्ट फीस की वृद्धि मेरी नजर में न्यायोचित नहीं है।’
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