सामाजिक संस्था “युवा” (यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन) एवं वेमिन गेनिंग ग्राउंड कंसोर्टियम व क्रिया के संयुक्त तत्वावधान में आज होटल जेनिस्टा रांची में झारखंड में जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए लड़कियों,युवा महिलाओं एवं विकलांग महिलाओं की एजेंसियों को विभिन्न तरह से सशक्त करने के लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के हस्तक्षेप पर राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में काजल यादव,अध्यक्ष राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, सुनील कुमार वर्मा,सदस्य,राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उपस्थित थे।
‘युवा’ की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताया
इस कार्यशाला का उद्देश्य ‘युवा’ की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने बताया। बबिता सिन्हा, प्रोग्राम मैनेजर (क्रिया) द्वारा साझा किया गया कि विमेन गेनिंग ग्राउंड वैश्विक स्तर पर एवम भारत में तीन राज्यों झारखण्ड , उत्तर प्रदेश, बिहार में लड़कियों, युवा महिलाओं एवं विकलांग महिला के राजनीतिक भागीदारी को मजबूत करने,जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने के उदेशय से काम कर रही है और सरकारी गैर सरकारी संस्थान के साथ एडवोकेसी कर रही है। शम्पा सेन गुप्ता ,निर्देशक ,एस डी आर सी कोलकाता ने बताया कि हिंसा को रोकने के लिए विकलांग महिलाओं, लड़कियों, महिलाओं की भागीदारी क्या हो सकती है और क्यों महत्वपूर्ण है। कार्यशाला में पैनल चर्चा के दौरान बात की गई कि किस तरह से जेंडर आधारित हिंसा को रोकने के लिए सरकारी के साथ-साथ गैर सरकारी संस्थाएं हस्तक्षेप कर रही हैं और लड़कियों, महिलाओं, विकलांग महिलाओं की एजेंसियों को मजबूत कर रही है।
जेंडर आधारित हिंसा को कम करने की कोशिश की जा रही है- पूर्णिमा मुखर्जी
काजल यादव अध्यक्ष , राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बताया कि राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की भूमिका एवं नियमित क्रियान्वयन को बेहतर रूप से मजबूत करना है । पूर्णिमा मुखर्जी ने बताया कि झारखण्ड आजीविका संवर्धन समाज के एन आर एल एम कार्यक्रम के द्वारा विकलांगता के मुद्दे सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। जेंडर आधारित हिंसा को कम करने की कोशिश की जा रही है। सुधा लीला, दीपशिखा ,रांची ने बताया कि विशेष कर मानसिक रूप से विकलांग जनों को शिक्षा से जोड़ने का काम कर रही हैं। अपूर्वा विवेक, वकील व संस्थापक, हाशिए ने गैर घरेलू प्रेम संबंधों में हिंसा पर गहराई से जानकारी दी। अरुण कुमार सिंह, अध्यक्ष, झारखण्ड विकलांग मंच ने बात की, कि किस तरह से विकलांग महिलाओं के साथ हुए हिंसा का निदान करने कि पूरे प्रक्रिया में गैप बना हुआ है ।
जेंडर आधारित हिंसा को रोकने के लिए महिला आयोग एवं वन स्टॉप सेंटर का योगदान बहुत महत्वपूर्ण-सरिता
जागोरी से सरिता ने कहा कि जेंडर आधारित हिंसा को रोकने के लिए महिला आयोग एवं वन स्टॉप सेंटर का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है । सीनी से स्टेट प्रोग्राम मेनेजर तन्वी झा ने बताया कि जेंडर आधारित हिंसा को कम करने में पुरुषों की भागीदारी क्या हो सकती है और कितनी महत्वपूर्ण है। आई सी आर डब्ल्यू डी से डॉक्टर नसरीन जमाल ने कहा युवा महिलाओं, लड़कियों को हिंसा के मुद्दे पर जागरूक करने की एवम समझ बनाने की जरूरत है । आदर्श सेवा संस्थान से लखी दास ने अपने कार्य के अनुभव साझा किए कैसे झारखण्ड में डायन के नाम पर महिलाओं के साथ हिंसा होती है । पोटका मुखिया संघ के सचिव अभिषेक सरदार ने पंचायत व प्रखंड में हिंसा को रोकने के लिए की जा रही पहल को साझा किया ।
धन्यवाद ज्ञापन युवा की अध्यक्ष उषा सबिना देवगम ने किया गया। कार्यक्रम का संचालन अंजना देवगम ने किया । इस कार्यक्रम में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं से 53 लोग शामिल हुए। युवा की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने बताया कि कार्यशाला में उठे मुद्दों के आधार पर मांग पत्र तैयार कर मुख्यमंत्री एवं सभी संबंधित पक्षों को ज्ञापन के रूप में सौंपा जाएगा।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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