
वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद
16 मई : विगत 18 मार्च को दिल्ली में आयोजित मजदूरों के राष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा 20 मई ‘2025 को मजदूरों की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान अब देश की वर्तमान स्थिति की पृष्ठभूमि में 9 जुलाई को पुनर्निर्धारित किया गया है। कोल्हान के ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की ओर से सूचित किया गया है कि राष्ट्रीय स्तर के ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद देश के जिम्मेदार देशभक्त नागरिकों के एक अभिन्न अंग के रूप में, सभी तैयारियां पूरी होने के बावजूद हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को समर्थन
मंच की ओर से कहा गया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले, पूरे देश में शोक एवं गंभीर चिंता का माहौल पैदा किया है। ट्रेड यूनियनों ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को समर्थन दिया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जम्मू-कश्मीर सहित देश भर के मजदूर वर्ग की एकता और एकजुटता की भी सराहना की गई, साथ ही सरकार से मध्य प्रदेश के एक मंत्री सहित सभी विभाजनकारी नफरत फैलाने वाले व्यक्ति एवं संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आग्रह किया गया।
आतंकवादी नरसंहार और उसके परिणामस्वरूप होने वाले घटनाक्रम के कारण..
मंच द्वारा बताया गया कि हड़ताल की सूचना मिलने और नियोक्ताओं के प्रबंधन को हड़ताल के लाखों नोटिस मिलने के बावजूद तथा देश में आतंकवादी नरसंहार और उसके परिणामस्वरूप होने वाले घटनाक्रम के कारण उत्पन्न गंभीर स्थिति के बीच में भी केंद्र और कई राज्य सरकारों द्वारा सक्रिय रूप से समर्थित नियोक्ता वर्ग सभी प्रतिष्ठानों में मजदूरों और कर्मचारियों पर अपना हमला जारी रखे हुए है। काम के घंटों को एकतरफा बढ़ाया जा रहा है; वैधानिक न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा लाभों का उल्लंघन किया जा रहा है।
ठेका मजदूरों को मनमाने ढंग से कानूनों का उल्लंघन करके हटाया जा रहा
मजदूरों, विशेष रूप से ठेका मजदूरों को मनमाने ढंग से कानूनों का उल्लंघन करके हटाया जा रहा है। यह कुछ और नहीं बल्कि कुख्यात श्रम संहिताओं को पिछले दरवाजे से थोपने का प्रयास है। इसके अलावा, ट्रेड यूनियनों द्वारा बार-बार मांग किए जाने के बावजूद, सरकार ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से मिलने और उनसे परामर्श करने या भारतीय श्रम सम्मेलन आयोजित करने की जहमत नहीं उठाई है।
– इस पृष्ठभूमि में हड़ताल की तिथि में बदलाव सरकार या पूंजीपतियों के लिए राहत की बात नहीं है, बल्कि संघर्ष को और व्यापक व तीव्र बनाने की रणनीतिक तैयारी मात्र है। 9 जुलाई की हड़ताल को पूरे देश के साथ-साथ झारखंड राज्य में भी अभूतपूर्व ऐतिहासिक सफलता दिलाने के लिए 20 मई से ही नई पहल की जाएगी।
– 20 मई को, सुबह 11:30 बजे संयुक्त मंच द्वारा, आमबगान मैदान से उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाल कर सभा किया जाएगा एवं संयुक्त मंच के प्रतिनिधिमंडल द्वारा उपायुक्त कार्यालय के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
– इसके अलावा विभिन्न घटक यूनियनें 20 मई को, अलग-अलग समय पर चार श्रम संहिताओं को रद्द करने की मांग सहित श्रमिकों की 17 सूत्री मांगों को लेकर कार्यस्थल पर विरोध प्रदर्शन भी करेंगी।
संयुक्त मंच ने अपील की है कि सभी श्रमिक, कर्मचारी, जन संगठन, छात्र, युवा, महिलाएं और किसान इस हड़ताल को और अधिक मजबूत बनाने के लिए आगे आएं और कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ एकजुट संघर्ष करें।

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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