प्रत्येक मिनट में 23 लड़कियों का बाल-विवाह हो रहा है देश में-अजय कुमार
सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन (युवा) की ओर एक दिवसीय प्रखंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला ‘बाल-विवाह और पोक्सो कानून’ विषय पर पोटका प्रखंड के गंगाडीह पंचायत भवन में आयोजित किया गया, जिसमें अलग-अलग पंचायत के पंचायत प्रतिनिधि और स्वास्थ्य प्रदाता और आंगनवाड़ी सेविका, सहिया और किशोरियों ने भाग लिया। कुल 63 प्रतिभागी शामिल हुए । इस कार्यशाला का संचालन ज्योति हेंब्रम ने किया। कार्यशाला शुरू होने से पहले प्रतिभागियों ने अपनी अपनी अपेक्षाएं रखी।
संस्था की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी
‘युवा’ संस्था की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला के प्रशिक्षक रांची की संस्था ‘प्रतिज्ञा के अजय कुमार थे। अजय कुमार ने इस कार्यशाला में बाल-विवाह और इसके बहुआयामी परिणाम के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए बाल विवाह क्या है ,बाल-विवाह क्यों होता है, बाल-विवाह और मानव तस्करी क्या है, बाल-विवाह कितना सामान्य है। इस पर विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्येक मिनट में 23 लड़कियों का बाल-विवाह हो रहा है यानी प्रत्येक 3 सेकंड में लगभग एक लड़की का, मतलब बड़े रूप में बच्चों का बाल अधिकार उनसे छीन लिया जा रहा है।
बच्चों का क्या अधिकार है, इस पर ग्रूप वर्क
बच्चों का क्या अधिकार है, इस पर ग्रूप वर्क कराया गया। प्रतिभागियों को चार ग्रूप में बांट दिया गया। ग्रूप को एक एक मुद्दा दिया गया। वह मुद्दा था( 1)विकास का अधिकार (2)भागीदारी का अधिकार (3)संरक्षण का अधिकार(4) जीने का अधिकार। इस अधिकार के तहत 4 अधिकार क्या-क्या है चार्ट पेपर में सजाया गया। इसके बाद बाल विवाह होने से स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है। इसकी जानकारी देते हुए सामाजिक परिणाम पर भी जानकारी दी गई। बाल विवाह को रोकने के लिए प्रभावी हस्तक्षेप किस तरह से किया जा सकता है, साथ ही बाल-विवाह निषेध अधिकारी के प्रमुख कर्तव्य क्या है, बाल विवाह संबंधित कर्तव्य पालन कौन-कौन हो सकते हैं ?
100 व 1098 नंबर पर रिपोर्ट कर बाल विवाह को रोका जा सकता है
अगर बाल विवाह समुदाय में हो रहे हैं, तो किन-किन नंबरों का इस्तेमाल किया जा सकता है ? जैसे 100,1098 रिपोर्ट किया जा सकता है और बाल विवाह को रोका जा सकता है। इसके बाद सानग्राम पंचायत के मुखिया अभिषेक सरदार का कहना था कि अगर मुखिया 29 योजनाओं पर अपना हस्ताक्षर कर रहा है तो शादी जैसे काम में पंचायत स्तर पर रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं हो रहा है ? शादी जैसा काम भी पंचायत स्तर में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. जिस दिन यह होगा उस दिन बाल विवाह नहीं होगा और बाल अधिकार जो बच्चों से छीना जा रहा है वहां अधिकार सुरक्षित होगा।
समुदाय को जागरूक करने की आवश्यकता
पोटका प्रखंड के मुखिया संघ के अध्यक्ष पानो सरदार का भी कहना था कि बाल विवाह को रोकने की आवश्यकता है। समुदाय को जागरूक करने की आवश्यकता है। और विवाह जैसी प्रक्रिया को भी पंचायत स्तर पर रजिस्ट्रेशन जैसे प्रक्रिया बनाने की जरूरत है. अगर पंचायत में रजिस्ट्रेशन होगा, तो बाल विवाह कम हो जाएगा। इस कार्यशाला का समापन ज्योति हेंब्रम ने सबको धन्यवाद देते हुए किया। इस कार्यशाला को सफल बनाने में युवा कार्यकर्ता रिला सरदार, अवंती सरदार, अरूप मंडल, किरण सरदार ने सहयोग किया।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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