सत्याग्रह 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा
गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 76 वां दिन है। स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह” जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा। सत्याग्रह आज सर्व धर्म प्रार्थना एवं गीता पाठ के साथ अपने 76 वें पायदान पर पहुँच गया है।
सुरेंद्र नारायण सिंह ने “काबे में तेरा जलवा, काशी में नजारा है, मुझे ये भी प्यारा है, मुझे वो भी प्यारा है” भजन गाकर सत्याग्रह स्थल को रोमांचित कर दिया तो शक्ति कुमार द्वारा गीता पाठ ने ज्ञान की गहराई में उतार दिया।
जमशेदपुर, झारखंड के रहनेवाले अरविंद अंजुम आज उपवास पर बैठे हैं। अरविंद अंजुम जयप्रकाश आंदोलन के प्रभामंडल से प्रेरित होकर उनके द्वारा स्थापित निर्दलीय संगठन- छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी के सदस्य बने। बोधगया आंदोलन के दरमियान 8 अगस्त 1979 के मस्तीपुर गोलीकांड के पश्चात बोधगया गए, जहां अन्य साथियों के साथ उनकी गिरफ्तारी हुई। उस वक्त वे पटना कालेज में इंटर के छात्र थे। गया सेंट्रल जेल मे एक महीने रहे। यह पहला व्यावहारिक प्रशिक्षण था। 1980 में पढ़ने के लिए पुनः जमशेदपुर आ गए और वहां पर टाटा मोटर्स द्वारा हुडको इलाके में आदिवासियों की जमीन कब्जा करने के प्रतिवाद के क्रम में दूसरी दफा गिरफ्तार कर लिए गए और वाहिनी के साथी उमेश के साथ 14 दिन जमशेदपुर के कारावास में बिताया। तीसरी गिरफ्तारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के घेराव करते समय हुआ।
अरविन्द 1990 में चांडिल में चल रहे पुनर्वास आंदोलन से जुड़कर सक्रिय हो गए
1987 में रांची विश्वविद्यालय से एम ए, इतिहास में करने के बाद वाहिनी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गये। सांगठनिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए 1990 में चांडिल में चल रहे पुनर्वास आंदोलन से जुड़कर सक्रिय हो गए। सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के विस्थापितों के लिए पुनर्वास नीति एवं राष्ट्रीय पुनर्वास कानून बनाने के सामूहिक प्रयास में योगदान दिया। सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के मुख्यालय पर प्रदर्शन की तैयारी के समय स्थानीय माफिया के गुंडों द्वारा 1996 में हमला हुआ, जिसमें बायीं आंख बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और रौशनी चली गई। 2005 में झाडखंड की भाजपा सरकार द्वारा उद्योगों की अंधाधुंध स्थापना के लिए किए गए 100 से ज्यादा एम ओ यू के खिलाफ चले विस्थापन विरोधी आंदोलन में सक्रियता रही। चांडिल बांध में मछली पालन एवं पर्यटन पर विस्थापितों का हक कायम करने के लिए विस्थापित मुक्ति वाहिनी के आंदोलन में भागीदारी और सफलता अर्जित की।
2016 में वाराणसी स्थित सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक का दायित्व संभाला
संपूर्ण क्रांति धारा के विस्तारित संगठन- जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी में ढाई दशक तक एक कार्यकर्ता के रूप में अरविन्द की एक पूर्णकालिक भूमिका रही। 2016 में वाराणसी स्थित सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक का दायित्व संभाला। फिलहाल वे जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी से जुड़े हैं और सर्व सेवा संघ परिसर के ध्वस्तीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन में सक्रिय है। साथ ही सर्व सेवा संघ के सचिव तथा संयोजक, राजघाट परिसर के रूप में कार्यरत हैं।
वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर यहां के आयुक्त कौशलराज शर्मा ने इसे षड्यंत्रपूर्वक हड़पा है – अरविन्द अंजुम
अरविंद अंजुम कहते हैं कि सर्व सेवा संघ परिसर को कब्जा करने के पीछे कॉरपोरेट हित छुपा हुआ है। सरकार के संसाधन से यहां मॉल, होटल, वाटर पार्क आदि बनेंगे और अंततः ये सभी अडानी-अंबानी को समर्पित कर दिया जाएगा। वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर यहां के आयुक्त कौशलराज शर्मा ने इसे षड्यंत्रपूर्वक हड़पा है। इस साजिश में कुछ चुने हुए अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सर्व सेवा संघ के पास इन अधिकारियों के खिलाफ दस्तावेजी सबूत हैं जिसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। इन अधिकारियों ने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट में झूठा शपथपत्र देकर गुमराह करने का प्रयास किया है। जब न्याय होगा तो ऐसे सभी लोगों को निश्चित रूप से सजा मिलेगी ।
भाजपा सरकार किसान और लोकतंत्र विरोधी है – बृजेश शर्मा
सत्याग्रह में शामिल किसान महासभा के अध्यक्ष बृजेश शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार किसान और लोकतंत्र विरोधी है। उसने किसानों से वादा करके तीन कानून वापस लिया लेकिन किसानों के लिए कोई राहत का काम नहीं किया। यह झूठी सरकार है। बेइमानी करके चुनाव जीती है।
आज सत्याग्रह में उपवासकर्ता अरविंद अंजुम के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर, लेखक एवं पत्रकार शक्ति कुमार, राष्ट्रीय किसान सभा के अध्यक्ष ब्रजेश कु शर्मा, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर, तारकेश्वर सिंह, सुरेंद्र नारायण सिंह, महेंद्र कुमार, सोनू कुमार, सिस्टर फ्लोरीन, छपरा बिहार से मनोहर मानव, चंदौली से चंद्रशेखर सिंह आदि शामिल रहे।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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