झारखंड में शैक्षणिक सत्र 2022-24 में एडमिशन का मामला फंस गया है। अब तक छात्रों की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा हो जानी थी, लेकिन एडमिशन ही प्रारंभ नहीं हो पाया। दो साल के बीएड का एक मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। इसमें बीएड कालेजों के एक गुट ने यह तर्क दिया कि वर्तमान में चल रहे पाठ्यक्रम के आधार पर प्रवेश परीक्षा के आधार पर क्यों नहीं एडमिशन नहीं हो सकता, जबकि अब कोरोना नहीं है। मालूम हो कि बीएड में प्रवेश परीक्षा का आयोजन झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद ही करता है। कोविड काल में इसने अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट निकाला था।
इसी आधार पर दो शैक्षणिक सत्र का एडमिशन हुआ। इस बार अब तक बीएड एडमिशन को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया। इसमें उच्च शिक्षा विभाग भी खामोश है। अब तक नए सत्र के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा हो जाती थी। इधर झारखंड के सभी कालेजों में नई शिक्षा नीति के तहत यूजी प्रथम सेमेस्टर का नामांकन प्रारंभ कर दिए जाने से मामला और उलझ गया है। नई शिक्षा नीति के अनुसार बीएड चार साल होगा। इसमें भी नामांकन इंटर उत्तीर्ण होने के बाद सीधे होगा। यह चार साल का पाठ्यक्रम होगा। इस कारण सरकार व विभाग पशोपेश में है। झारखंड में वर्तमान में 100 से अधिक बीएड कालेज हैं, जिनमें लगभग 13 हजार छात्र अध्ययनरत हैं।
चार साल के पाठ्यक्रम को लेकर संशय
दरअसल नई शिक्षा नीति को लेकर चार साल के बीएड पाठ्यक्रम को लेकर संशय की स्थिति है। राज्य के विश्वविद्यालयों के अंगीभूत कालेजों व निजी बीएड कालेज में बीएड का चार वर्षीय पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के लिए एनसीईआरटी से भी अनुमति लेनी होगी। कोल्हान विश्वविद्यालय की बात करें तो अब तक इसकी अनुमति मात्र एक कालेज बहरागोड़ा कालेज ने ली है। बिना एनसीईआरटी की अनुमति के कालेज चार वर्षीय कोर्स भी प्रारंभ नहीं कर सकते।
सरकार को लेना होगा निर्णय
नए सत्र में बीएड एडमिशन मामले में सरकार को निर्णय लेना होगा। वर्तमान स्थिति और एनसीईआरटी के कारण इस शैक्षणिक सत्र को पुराने पैटर्न पर ही चलना होगा। अगर ऐसा होता है तो प्रक्रिया झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद प्रारंभ करनी होगी। नए सत्र के प्रारंभ में विलंब काफी हो चुका है। छात्र, विश्वविद्यालय व कालेज सभी उहापोह की स्थिति में दिख रहे हैं।
-शैक्षणिक सत्र 2022-24 में बीएड एडमिशन का मामला सीनेट में भी उठ चुका है। सीनेट में उठी बात को सरकार के पास भेजा जाएगा। चार साल का पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के लिए कालेजों को एनसीईआरटी की भी अनुमति लेनी जरूरी है। कोल्हान विश्वविद्यालय में मात्र बहरागोड़ा कालेज को इस पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने की अनुमति एनसीईआरटी ने दी है। -डा पी के पाणि, प्रवक्ता, कोल्हान विश्वविद्यालय।
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