स्थानीय मार्केट के डिमांड को समझें, जेंडर स्पेसिफिक ट्रेड होने चाहिए
सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए गंभीर, आई.ई.सी पर फोकस करें-विजया जाधव
समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में उपायुक्त विजया जाधव ने जिले के सभी स्कील ट्रेनिंग पार्टनर्स के साथ बैठक कर सेंटर की गतिविधियों को समझा। डीआरडीए के निदेशक सौरभ सिन्हा व जिला कौशल पदाधिकारी बम बैजू बैठक में मौजूद रहे। ट्रेनिंग सेंटर के बैच कैसे बन रहे, क्षमता के मुताबिक बच्चे आ रहे हैं या नहीं, पिछले एक वर्ष में प्लेसमेंट में क्या उपलब्धि है, इसको जाना। उपायुक्त ने बैठक में मौजूद 15 ट्रेनिंग पार्टनर्स से बारी बारी से उनके क्रिया-कलापों को समझा तथा सभी सेंटर द्वारा पिछले 1 वर्ष में औसत 50 फीसदी ही बच्चों का प्लेसमेंट किए जाने पर निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बैच में 4 % एससी, 46% एसटी बच्चों का होना अनिवार्य है।
ट्रेनिंग सेंटर्स को बाजार की मांग के अनरूप ट्रेड बदलने की आवश्यकता है । मार्केट का क्या डिमांड है, ट्रेनिंग पार्टनर्स पहले इसे समझें। वैसे प्लेसमेंट का कोई मतलब नहीं रह जाता जहां बच्चे 4-5 महीने की नौकरी के बाद वापस अपने घर में बैठ जा रहे हैं।
शासन-प्रशासन के संसाधनों का सदुपयोग करें, बच्चें और उनके अभिभावकों की काउंसिंलिग पर फोकस करें
राज्य सरकार शिक्षित बेरोजगार युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए तथा उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए काफी संवेदनशीलता से कार्य कर रही है जिसमें स्कील ट्रेनिग पार्टनर्स की भी महती भूमिका है… ये बातें उपायुक्त ने कही। उन्होने कहा कि तीन चीजों आई.ई.सी(ट्रेड का प्रचार-प्रसार), काउंसिलिंग और प्लेसमेंट पर फोकस करें । बच्चों या उनके अभिभावकों की काउंसिंलिग में कोई समस्या आ रही हो तो शासन-प्रशासन के संसाधनों का सदुपयोग करें। माननीय विधायक गण के प्रतिनिधि, जिला परिषद सदस्य, पंचायत जनप्रतिनिधि हों या पीडीएस डीलर, जेएसएलपीएस की महिला समूह इन सभी के साथ बैठक करें, ट्रेड की जानकारी दें। पीडीएस दुकान या महिला एस.एच.जी के बैठक स्थल में पोस्टर चिपकायें, हैंडबिल या अन्य आकर्षक तरीकों से प्रचार प्रसार करें।
कोरोना काल के बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बड़ी बूम देखी जा रही है
उपायुक्त ने कहा कि जितने भी बच्चे ट्रेनिंग पा चुके हैं उसकी लिस्ट जिला प्रशासन को भी दें, उनके नियोजन को लेकर जिला में स्थित कंपनियों से बात की जाएगी। शॉर्ट हैंड, लीगल राईटिंग, ऑफिस नोट, जेनरल सेक्रेटेरियल एसिस्टेंस, स्पोकेन इंग्लिश, रेफ्रिजरेटर मरम्मती, वॉशिंग सेंटर, प्लंबिंग, एसी रेपयर, कुकिंग, शेफ, बैक ऑफिस, सेल्समैन, एप डेवलपर, पेंटिंग, एनिमेशन जैसे ट्रेड को भी शामिल करें। उन्होने कहा कि कोरोना काल के बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बड़ी बूम देखी जा रही है, ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग, सिर्विसिंग का ट्रेड शुरू करायें। रिलेक्सेशन इंड्रस्ट्री (मशाज थेरेपिसेट) हो या बैग इंडस्ट्री इससे जुड़ी ट्रेनिंग बच्चों को दें। स्कूल बैग, हैंड बैग आदि तथा पैकेजिंग इडस्ट्री से जुड़ी ट्रेड पर ध्यान दें, प्लेसमेंट की संभावना बढ़ेगी। इस क्षेत्र के बच्चों में स्पोकन इंग्लिश एक समस्या है, 3-4 महीने का स्पोकन इंग्लिश ट्रेनिंग शुरू करें।
उपायुक्त ने कहा कि प्लेसमेंट के लिए जमशेदपुर के आसपास वैसे जगहों को प्राथमिता में रखें, जहां से बच्चे एक रात में बस की यात्रा से घर पहुंच सकते हैं। इससे लंबे समय तक नौकरी में टिके रहने की संभावना बढ़ेगी। लड़कियों या लड़कों का किस ट्रेड में ज्यादा मन लगता है इसे देखें, जेंडर स्पेसिफिक ट्रेड होना चाहिए ।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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