कोरोना का नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने फिलहाल पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है. इसके संक्रमण के मामलों में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ ओमिक्रॉन को कम गंभीर, लेकिन सबसे अधिक संकमण प्रसार वाला वेरिएंट मान रहे हैं और कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन सबको ही संक्रमित करेगा, लेकिन मौजूदा समय में इस वेरिएंट से बचाव जरूरी है.कैसे हो बचाव ? क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ ?
देर-सबेर ओमिक्रॉन से सभी संक्रमित हो जाएंगे
रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के वायरस विशेषज्ञ मिशेल नुसेनज्वेग कहते हैं, “मैं मानता हूं कि देर-सबेर ओमिक्रॉन से सभी संक्रमित हो जाएंगे, लेकिन बाद में संक्रमित होना बेहतर होगा. इसका कारण बताते हुए उनका कहना है कि बाद में बेहतर और अधिक दवाएं उपलब्ध होंगी. साथ ही बेहतर टीके भी होंगे.
ओमिक्रान के संक्रमण के लंबे समय बाद शरीर पर क्या असर होगा, यह स्पष्ट नहीं
ओमिक्रॉन के संक्रमण से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इससे संक्रमण होने पर हल्के लक्षण सामने आ रहे हैं. ऐसे में इससे संक्रमित व्यक्ति गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं. हालाँकि ओमिक्रॉन से संक्रमित होने पर किसी व्यक्ति के शरीर में लंबे समय बाद क्या असर पड़ेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है. ऐसे में ओमिक्रॉन को कम करके आंकना खतरनाक हो सकता है.
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स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव
ओमिक्रॉन के अधिक संक्रामक होने के कारण बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने की संभावना है. ऐसे में एक समय पर अधिक लोगों के संक्रमित हो जाने से स्वास्थ्य सुविधाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ना तय है. एक आंकड़े के अनुसार वर्तमान में 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अस्पतालों के 93.6 प्रतिशत बेड खाली हैं, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि अमेरिका और ब्रिटेन में आई नई कोरोना लहर के बाद स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में जबरदस्त दबाव पड़ा है. अस्पतालों में रिकॉर्ड मरीज भर्ती हुए हैं.
अधिक संक्रमण से वायरस के म्यूटेशन का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक संक्रमण के कारण भी वायरस के म्यूटेशन का खतरा बढ़ जाता है और भविष्य में एक और वेरिएंट की संभावना से दुनियाभर में स्वास्थ्य और आर्थिक संकट गहरा सकता है. कोलंबिया विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर डेविड कहते हैं कि SARS-CoV-2 ने पिछले दो वर्षों में हमें कई अलग-अलग तरीकों से प्रभावित किया है.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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