दुनिया के प्रमुख तेल निर्यातक देशों में से एक सऊदी अरब को भारत से बड़ा झटका लगा है. सितंबर महीने में भारत ने सबसे ज्यादा कच्चा तेल रूस और इराक से खरीदा है. जबकि आमतौर पर सऊदी अरब इराक के बाद भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश रहा है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ने सितंबर में इस साल सबसे कम तेल खरीदा है. क्योंकि तेल रिफाइनरी में मेंटेनेंस शटडाउन शुरू हो गया है.
अंग्रेजी वेबसाइट ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर महीने में सऊदी अरब ने भारत को प्रतिदिन लगभग 5 लाख 56 हजार बैरल तेल निर्यात किया, जो अगस्त की तुलना में लगभग एक तिहाई कम है. वहीं, जनवरी 2022 से लेकर अगस्त 2023 तक सऊदी अरब ने औसतन साढ़े सात लाख बैरल प्रतिदिन तेल निर्यात किया था.
कमोडिटी मार्केट एनालिटिक्स और इंटेलिजेंस फर्म Kpler के मुताबिक, इससे पहले अगस्त महीने में भारत ने रूस और इराक से कम तेल आयात किया था. जबकि सितंबर महीने में रूस और इराक से तेल आयात काफी बढ़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इराकी और रूसी तेल की कीमत सऊदी तेल की कीमत की तुलना में कम है. यही कारण है कि भारत ने सितंबर महीने में सऊदी तेल की कम खरीद की है.
इससे पहले अगस्त में भारत का रूसी तेल आयात पिछले सात महीने के निचले स्तर पर आ गया था. भारत ने अगस्त में रूस से सिर्फ 1.55 मिलियन बैरल प्रतिदिन तेल आयात किया था. जो सितंबर में लगभग 18 प्रतिशत बढ़कर 1.83 मिलियन बैरल प्रतिदिन पहुंच गया है. वहीं, इराक से तेल आयात में भी लगभग 7.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है. भारत ने सितंबर महीने में इराक से लगभग 0.91 मिलियन बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा.
सितंबर महीने में भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी लगभग 43 प्रतिशत तो इराक की हिस्सेदारी लगभग 22 प्रतिशत है. वहीं, अगस्त महीने में यह हिस्सेदारी क्रमशः 35.4 प्रतिशत और 19.5 प्रतिशत थी.
वहीं, सितंबर महीने में भारत के कुल तेल आयात में सऊदी अरब की हिस्सेदारी घटकर 13 प्रतिशत रह गई है, जबकि अगस्त महीने में सऊदी अरब की हिस्सेदारी लगभग 19 प्रतिशत थी. भारत ने सितंबर में सऊदी अरब से लगभग 5 लाख 56 हजार बैरल प्रतिदिन तेल आयात किया है. जो अगस्त की तुलना में लगभग एक तिहाई कम है.
वर्तमान में सऊदी अरब, भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश है. वहीं, रूस और इराक क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर है. जबकि आमतौर पर सऊदी अरब इराक के बाद भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश है. लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद पूरी तस्वीर बदल गई.
एनालिटिक्स फर्म वोर्टेक्सा के मुताबिक, एक साल पहले भारत को एक प्रतिशत से भी कम तेल निर्यात करने वाला रूस आज इराक और सऊदी अरब को पीछे छोड़ते हुए भारत के लिए नंबर 1 ऑयल सप्लायर बना हुआ है. रूस ने रियायती कीमतों पर कच्चे तेल की पेशकश की. जिसके बाद भारत ने रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदना शुरू कर दिया. इस तरह रूस ने इराक और सऊदी अरब को पछाड़ते हुए भारत के लिए सबसे बड़ा तेल आपूर्तकर्ता बन गया.
केप्लर के क्रूड विश्लेषक प्रमुख विक्टर कटोना का कहना है कि चूंकि, रूसी तेल की कीमत कम है इसलिए भारत सबसे ज्यादा रूसी तेल खरीद रहा है. वहीं, यदि भारतीय रिफाइन कंपनियां जब मिडिल ईस्ट से तेल आयात करना चाहती है तो इराकी तेल को प्राथमिकता देती हैं, क्योंकि सऊदी तेल की कीमत की तुलना में इराकी तेल की कीमत लगभग 2 डॉलर प्रति बैरल कम है.
हालांकि, अगस्त महीने में भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से पिछले सात महीने में सबसे कम तेल खरीदा था. जिसका कारण रूसी तेल की कीमत में बढ़ोतरी थी. जिसके बाद रूस ने एक बार फिर तेल कीमत में छूट दी, जिसके बाद सितंबर में फिर से रूस से तेल खरीद में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!