इजराइल और हमास के बीच के सभी मामले बातचीत के ज़रिए हल किए जाने और फिलिस्तीन को संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता देने की मांग
गज़ा पट्टी पर इजराइली हमले के ख़िलाफ़ साकची स्थित बिरसा चौक पर साझा नागरिक मंच के बैनर तले प्रदर्शन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि विगत 7 अक्तूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद इजराइल सरकार ने तुरंत जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. हमास ने लगभग 150 इजराइली नागरिकों को बंधक बना लिया है, जिनकी रिहाई के एवज में वह फिलिस्तीनी बंदियों की रिहाई की मंशा रखता है. इस संघर्ष में अब तक 1400 इजराइली और 6000 से ज़्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं. यह घोर निंदनीय और दु:खद है.
हमास की कार्रवाई निंदनीय और इजराइली हमला भी निंदनीय
कहा गया कि इजराइल के निर्दोष नागरिकों की हत्या और बंधक बनाए जाने की हमास की कार्रवाई निंदनीय है. साथ ही आत्मरक्षा के नाम पर गज़ा पट्टी को मटियामेट कर देने के उद्देश्य से इजराइली हमला भी उतना ही निंदनीय है. विश्व के अधिकतर देश फिलिस्तीनी जनता की मांग के पक्ष में खड़े हैं. लेबनान की मिलशिया हिजबुल्ला ने तो हमास के पक्ष में इजराइल के ख़िलाफ़ संघर्ष का मोर्चा खोल दिया है. ईरान, क़तर और तुर्की जैसे देश अपने-अपने ढंग से इस लड़ाई में फिलिस्तीन के पक्ष में हैं. इधर पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित पूर्वी एशिया के ज़्यादातर देश इस मांग के समर्थन में खड़े हैं.
विश्व के सभी जनतांत्रिक और प्रगतिशील संगठन फिलिस्तीन के पक्ष में
विश्व के सभी जनतांत्रिक और प्रगतिशील संगठन फिलिस्तीन के पक्ष में आवाज़ बुलंद कर रहे हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, फ़्रांस तथा कई अन्य यूरोपीय देशों में इसके पक्ष में प्रदर्शन हुए हैं और हो रहे हैं, जिनमे प्रगतिशील और जनतांत्रिक यहूदी भी भाग ले रहे हैं. यह तक कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के इस्तीफ़े की मांग ज़ोरों से उठने लगी है.
यहां की गोदी मीडिया और आरएसएस से जुड़े संगठन कर रहे इजराइल की तरफ़दारी
भारत की सरकार आधिकारिक रूप से तो फिलिस्तीनी जनता के संप्रभु राज्य के अधिकार को मान्यता देती है, हताहत लोगों के प्रति शोक और संवेदना प्रकट करते हुए संघर्ष के ख़ात्मे की मांग करती है और गज़ा पट्टी राहत-सामग्री भी भेजती है, लेकिन यहां की गोदी मीडिया और आरएसएस से जुड़े संगठन इजराइल की तरफ़दारी करते हुए देश में धार्मिक ध्रुवीकरण का अभियान चल रहे हैं, जिसे प्रधानमंत्री सहित भाजपा और उसकी राज्य सरकारों का प्रत्यक्ष या परोक्ष समर्थन मिल रहा है.
ऐसी स्थिति में साझा नागरिक मंच ने गज़ा पट्टी पर इजराइली हमले बंद किए जाने, वहां पर्याप्त राहत-सामग्री उपलब्ध कराने, इजराइल और हमास के बीच के सभी मामले बातचीत के ज़रिए हल किए जाने और फिलिस्तीन को संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता देने की मांग की है.
आज के इस विरोध-प्रदर्शन में अन्य लोगों के अलावे मुख्य रूप से डॉ. सुखचंद्र झा, अशोक शुभदर्शी, मंथन, अरविन्द अंजुम, जगत, देवाशीष मुखर्जी, सुनील विमल, अर्पिता, प्रो. मक्की, दीपक रंजीत, शशि, शैलेन्द्र अस्थाना आदि लोग मौजूद रहे.
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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