म्यांमार की ‘नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट’ (एनयूजी) ने सैनिक शासन के खिलाफ अपने विरोध अभियान में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। एनयूजी का गठन सैनिक शासन विरोधी समूहों ने किया है। इन समूहों का दावा है कि उनकी सरकार ही म्यांमार की वैध सरकार है। म्यांमार ने पिछले साल एक फरवरी को सेना ने तख्ता पलट कर सत्ता पर कब्जा जमा लिया था।
एनयूजी ने म्यांमार में वितरण के लिए क्रिप्टोकरेंसी- टिथर को मान्यता दी है। टिथर को हांगकांग की एक कंपनी ने जारी किया है। यह भी एक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आधारित क्रिप्टोकरेंसी है, जिसका मूल्य अमेरिकी डॉलर से जुड़ा हुआ है.
सेना ने निर्वाचित सांसदों को सत्ता में नहीं आने दिया
एनयूजी का गठन इस साल अप्रैल में उन सांसदों की पहल पर हुआ था, जो 2020 में हुए आम चुनाव में विजयी हुए थे। लेकिन सेना ने निर्वाचित सांसदों को सत्ता में नहीं आने दिया और तख्ता पलट के बाद एक आदेश के जरिए उनके निर्वाचन को रद्द कर दिया। विश्लेषकों का कहना है कि एनयूजी इतनी ताकतवर नहीं है कि वह सेना को सत्ता से बेदखल कर सके। इसके बावजूद देश में उसके पक्ष में मजबूत जन समर्थन है।
गतान के लिए टिथर का इस्तेमाल करेँ
अब एनयूजी ने म्यांमार के नागरिकों का आह्वान किया है कि वे लेन-देन और भुगतान के लिए टिथर का इस्तेमाल करेँ। एनयूजी का कहना है कि इससे सैनिक शासन कमजोर होगा, क्योंकि टिथर का उपयोग बढ़ने पर सरकारी मुद्रा कमजोर हो जाएगी। टिथर के साथ दूसरा फायदा यह है कि इसके जरिए होने वाले लेन-देन की सैनिक शासक निगरानी नहीं कर सकते। न ही वे ऐसे लेन-देन में कोई रुकावट डालने में सक्षम हैं।
यंगून स्थित एक व्यापारी ने वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम से कहा- ‘कल्पना कीजिए कि म्यांमार के ज्यादातर लोग क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने लगते हैं। उस हाल में म्यांमार के सेंट्रल बैंक से जारी मुद्रा कागज का टुकड़ा बन कर रह जाएगी।’
अज्ञात समूह ने म्यांमार डॉलर (एमवाईडी) नाम का एक प्रोजेक्ट चलाया था
विश्लेषकों ने ध्यान दिलाया है कि पिछले साल एक अज्ञात समूह ने म्यांमार डॉलर (एमवाईडी) नाम का एक प्रोजेक्ट चलाया था। उसका मकसद बिना सरकारी मुद्रा का इस्तेमाल किए सभी नागरिकों को अपनी जायदाद के प्रबंधन की सुविधा देना था। उस ग्रुप ने बताया था कि अपनी योजना के मुताबिक वह एमवाईडी नाम की मुद्रा जारी करेगा, जिसके 55 फीसदी हिस्से को जनता के बीच बांट दिया जाएगा, जबकि 45 फीसदी हिस्सा एनयूजी को दिया जाएगा।
जानकारों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया गया था, लेकिन दिसंबर में इसमें अचानक ठहराव आ गया। तब उसकी वेबसाइट बंद हो गई। यंगून स्थित एक टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ का कहना है कि वह प्रोजेक्ट इसलिए फेल हो गया, क्योंकि उसका बाजार नहीं बन पाया। उधर बहुत से नागरिक जो इस प्रोजेक्ट के समर्थक थे, उन तक एमवाईडी को नहीं पहुंचाया जा सका।
विश्लेषकों के मुताबिक टिथर के साथ लाभ यह है कि ये क्रिप्टोकरेंसी पहले से इस्तेमाल में है। दुनिया भर में इसके जरिए लेन-देन हो रहा है। म्यांमार में इसके इस्तेमाल को कानूनी मान्यता नहीं है। लेकिन अगर नागरिक निजी दायरे में इसके जरिए लेन-देन शुरू कर देते हैं, तो सैनिक शासन उस स्थिति में नहीं है कि वह इसे रोक पाए।
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