छत्तीसगढ़ स्मार्ट क्लास रूम में हुआ व्याख्यान
बहराइच
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय उमराली जिला अलीराजपुर
Bahraich
Disha Foundation, Jounpur, UP
बहराइच ज़िला क्षेत्र में शैलेश सिंह की अगुआई में पोस्टर प्रदर्शनी व चर्चा
महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन के 215वें जन्म दिवस पर देश के अलग-अलग हिस्सों में वैज्ञानिक चेतना के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िला क्षेत्र में शैलेश सिंह की अगुआई में पोस्टर प्रदर्शनी लगाईं गई एवं किशोरियों के साथ मिलकर चार्ल्स डार्विन की जयंती की तैयारी की गई. इस दौरान वीडियो के माध्यम से डार्विन के सिद्धांत और बिग बैंग के बारे में बताया गया.
सभी जीव एक दूसरे से संबंधित हैं
शासकीय नवीन माध्यमिक शाला, सेहरी में चार्ल्स डार्विन जयंती मनाई गई, जिसमें बच्चों को वैज्ञानिक चेतना बढ़ाने के लिए बच्चों को बताया गया कि चार्ल्स डार्विन एक महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने कहा है कि सभी जीव एक दूसरे से संबंधित हैं. एमपी इंटरनेशनल स्कूल, झलौन में शिक्षक, शिक्षिकाओं के साथ बैठकर चार्ल्स डार्विन जयंती के अवसर पर वैज्ञानिक चेतना पर चर्चा की गई। कहा गया कि करोड़ों वर्ष पूर्व खगोलीय घटनाओं के फलस्वरूप सौरमंडल बना, कालांतर में जीवों की उत्पत्ति हुई और उनका क्रमिक विकास हुआ. चार्ल्स डार्विन ने इस पर गहन शोध किया और बाद में उनका सिद्धांत प्रतिपादित हुआ.
वैज्ञानिक चेतना क्यों ज़रूरी है ?
दिलकुशा में किशोरियों के साथ चार्ल्स डार्विन की जयंती के अवसर पर मानव विकास के विषय में चर्चा की गई और वैज्ञानिक चेतना क्या है, एवं हर इन्सान के अन्दर इसका होना क्यों ज़रूरी है, इस पर चर्चा की गई. सहादत अली खाँ की छवानी में प्रकृति, विज्ञान और मानव विषय पर फिल्म का प्रदर्शन किया एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उधर अवध पीपल्स फोरम द्वारा फैजाबाद/अयोध्या में कार्यक्रम किया गया और पोस्टर प्रदर्शनी लगाईं गई एवं डार्विन के सिद्धांत पर चर्चा की गई. एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, उमराली (जिला अलीराजपुर) में भी इस अवसर पर कार्यक्रम किया गया. यूपी के जौनपुर में दिशा फाउंडेशन द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर किशोरियों बच्चों के साथ आज चार्ल्स डार्विन के जन्म दिन पर जीवन के क्रमिक विकास पर संवाद किया गया.
शासकीय महाविद्यालय, चिरमिरी (जिला कोरिया), छत्तीसगढ़ स्मार्ट क्लास रूम में व्याख्यान
चार्ल्स डार्विन के जन्मदिन के अवसर पर शासकीय महाविद्यालय, चिरमिरी (जिला कोरिया), छत्तीसगढ़ स्मार्ट क्लास रूम में एक व्याख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त विज्ञान संकाय श्री आर के शर्मा, विशिष्ट अतिथि प्राचार्य लाहिड़ी महाविद्यालय डॉ. राम दिनकर पांडेय, हिंदी साहित्य, गेस्ट टीचर ज्योलोजिकल विभाग मंजू कुमारी, समाजिक कार्यकर्ता अशोक सोनी व गिरीश कुमार मुख्य रुप से उपस्थित रहे।
मोबाइल उपकरणों से समाज पर पड़ रहा मानसिक प्रभाव
उद्घाटन भाषण में आर के शर्मा चार्ल्स डार्विन के कार्यों व विभिन्न प्रकार के शोधों के माध्यम से विज्ञान क्षेत्र के लिए किये गए योगदान को विस्तार से छात्र छात्राओं बीच रखते हुए समाज में वैज्ञानिक समझ विकसित करने की अपील की तथा मोबाइल उपकरणों से समाज पर पड़ रहे मानसिक प्रभाव को देखते हुए उक्त उपकरण को समझदारी के साथ उपयोग करने का सुझाव प्रदान किया गया।
व्याख्यान कार्यक्रम में गिरीश कुमार द्वारा अपने उद्बोधन में कहा, “हम देश में विभिन्न महापुरुषों नेताओं का जन्म दिन का उत्सव मनाते रहे हैं, किन्तु अपने वैज्ञानिकों के योगदान पर कोई समाजिक कार्यक्रम का आयोजन करने में असमर्थ हों जाते हैं, जबकि इन्हीं वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम से ही मानव जाति के जीवन में गुणात्मक बदलाव संभव हो सका है. वहीं हम विज्ञान को सिर्फ प्रयोग शाला का विषय वस्तु तक सीमित न कर जन जन तक विज्ञान को विस्तारित करें।”
वर्तमान में विकास के नाम किये जा रहें अंधाधुंध खनन से पारिस्थितिकी तंत्र पड़ रहे प्रभावों को कुछ वैज्ञानिक तथ्यों व उदाहरणों के साथ जानकारी प्रदान की गई। सामाजिक कार्यकर्ता अशोक सोनी ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में वैज्ञानिक समाज-निर्माण व वैज्ञानिक शोध कार्यक्रम में जुड़ने की अपील की। लाहिड़ी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राम दिनकर पांडेय जी ने वैज्ञानिक चेतना से जुड़ने की अपील की तथा बच्चों को युवाल नोवा हारारी की लिखी पुस्तक सेपियंस पढ़ने का सुझाव दिया।
जलवायु परिवर्तन व मोबाइल टावरों के रेडिएशन से…
गेस्ट फैकल्टी शिक्षिका सुश्री मंजू जी ने अपने शोध के माध्यम से जलवायु परिवर्तन व मोबाइल टावरों के रेडिएशन से कीट-पतंगों पक्षियों पर पड़ रहे प्रभावों पर अपने विचार व्यक्त किये। स्मार्ट क्लास में उपस्थित सभी बच्चों को चार्ल्स डार्विन की ओरिजिन ऑफ़ स्पीशीज पर तैयार की गई 22 मिनट की डॉक्युमेंट्री फिल्म दिखाया गया. अंत में गेस्ट फैकल्टी शिक्षिका सुश्री मंजू ने उक्त पहल पर अपना आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में और भी रोचक विभिन्न विषयों आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म महाविद्यालय में प्रसारित करने का अपील की.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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