बच्चों व उनके अभिभावकों में दिखा शहीद गांव आने का उत्साह, शहीद स्मारक का दौरा कर देखा संग्रहालय, गणेश हांसदा को मिले सेना मेडल से भी हुए रूबरू
वीर शहीद गणेश हांसदा फेलोशिप व पुस्तकालय से बच्चों के शिक्षा की मुश्किलें हो रही आसान, फेलोशिप के तहत पढ़ाई कर रहे बच्चों ने साझा किए अपने अनुभव
बहरागोड़ा / जमशेदपुर : अंतराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस के मौके पर पर बहरागोड़ा स्थित शहीद गांव कोसाफलिया में वीर शहीद गणेश हांसदा फेलोशिप के तीसरे वर्ष 2022 में चयनित बच्चों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में फेलोशिप के तहत पढ़ाई कर रहे सभी बच्चे एवम अभिभावक मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सम्मान समारोह के दौरान बच्चों ने वीर शहीद गणेश हांसदा स्मारक का भी दौरा कर उनके समूचे कहानी से रूबरू हुए।
सुदूर इलाकों की स्थिति में स्थाई बदलाव लाने हेतु बच्चों को शिक्षा के साधन मिलना उनकी सबसे बड़ी आवश्यकता
कार्यक्रम की शुरुआत चिंगडा पंचायत के मुखिया परमेश्वर हेंब्रम, शहीद के माता पिता कापरा हांसदा, सुगदा हांसदा जी के द्वारा वीर शहीद गणेश हांसदा जी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। इसके बाद सभी बच्चों व अभिभावकों ने देश के वीर सपूत को श्रद्धांजलि दी। घाटशिला अनुमंडल के मुसाबनी, धालभुमगढ़, चाकुलिया, घाटशिला व बहरागोड़ा प्रखंड के विभिन्न गांवों से आए बच्चों के शहीद गांव कोशाफलिया पहुंचने पर शहीद परिवार ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए बताया कि “सुदूर इलाकों की स्थिति में स्थाई बदलाव लाने हेतु बच्चों को शिक्षा के साधन मिलना उनकी सबसे बड़ी आवश्यकता है।
वीर शहीद गणेश हांसदा के स्मृति में संचालित निश्चय अभियान से इलाके के बच्चों को गणेश से ना केवल प्रेरणा मिल रही, वही अभियान उनकी पढ़ाई की बाधाओं को भी दूर कर रहा है। अभियान के तहत अब समूचे घाटशिला अनुमंडल के बच्चे घर पहुंचे है, यह बहुत बड़ी बात है। फेलोशिप बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने में अहम भूमिका निभा रहा है।”
सम्मान
शहीद के माता पिता कापरा हांसदा, सुगदा हांसदा ने फेलोशिप 2022 के लिए चयनित मुसाबनी प्रखंड के लावकेसरा गांव की कोमल मार्डी, मुसाबनी बादिया की कल्याणी थायल, धालभुमगढ के रोमाशोली गांव के सिंगराय मुर्मु, बाबेदा गांव के धनीराम मार्डी, चाकुलिया के सोनाहातू गांव के अमृत महतो, घाटशिला के दाहिगोडा के विष्णु प्रसाद मौर्या एवम उनके अभिभावकों को प्रशस्ति पत्र, मेडल एवम गणेश हांसदा की तस्वीर देकर सम्मानित किया। सम्मान पाकर सभी बच्चे बेहद गर्वांवित महसूस कर रहे थे, उन्होंने बताया कि वीर शहीद की धरती पर आकर वह देश के प्रति अपने कर्तव्य को महसूस कर पा रहे हैं। इस दौरान बच्चों को बताया गया, “हम अपने सपनों को पूरा कर, समाज के लिए उपयोगी बन, देश की प्रगति में बड़ा योगदान दे सकते हैं।”
Galwan Veer – The Fighter Ganesh Hansda (Official Trailer explain in Hindi) | Mashal News
आईएएस बनकर देश की सेवा करने का सपना
फेलोशिप के लिए चयनित कोमल मार्डी व कल्याणी थायल गांवों में उपलब्ध खराब स्वास्थ्य सुविधाओं से चिंतित नजर आती है, वह डॉक्टर बन इस दिशा में योगदान देना चाहती है। अमृत महतो एनडीए में जाकर भारतीय सेना को सेवा देना चाहते हैं। सिंगराय मुर्मु इनकम टैक्स ऑफिसर बनने का सपना देखते हहैं, वहीं घनीराम मार्डी आईएएस बनकर देश की सेवा करने का सपना देखते हैं। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को उनके सपनों की दिशा में आगे बढ़ने हेतु उपयोगी जानकारियां निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक तरुण कुमार, शिक्षक व मोटिवेशनल वक्ता संतोष शर्मा ने दी। फेलोशिप के माध्यम से चयनित बच्चों को इंटर से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई में सहायता की जाती है, ताकि बच्चे निर्बाध रूप से अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए अपने सपनो को पूरा करने की दिशा में बढ़ सके।
बच्चों ने अपने पढ़ाई के अनुभवों को साझा किया
फेलोशिप के लिए बच्चों का चयन लिखित प्रवेश परीक्षा, साक्षात्कार एवम बच्चों के अभिभावकों का आर्थिक सामाजिक विश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। सम्मान समारोह के दौरान फेलोशिप के प्रथम द्वितीय वर्ष के बच्चों ने अपने पढ़ाई के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि गांव में गरीबी के कारण बच्चे पढ़ाई को जारी रख पाने में मुश्किलों का सामना करते है, लेकिन फेलोशिप के माध्यम से लगातार मिलने वाले सहायता से वह अपनी पढ़ाई बिना किसी परेशानी के जारी रख पा रहे हैं। वहीं विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका पाकर, मार्गदर्शन पाकर जो जानकारियां उन्हें मिलती हैं,
उससे उनके पढ़ाई को काफी फायदा मिलता है। फेलोशिप के तहत पढ़ाई कर रहे विकास भुईयां का चयन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के लिए हुआ है। वही सिंगराय मुर्मु एवम धनीराम मार्डी का चयन टाटा स्टील ट्रेड अप्रेंटिस के लिए हो गया है।
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में बच्चों ने शहीद स्मारक का दौरा किया। इस दौरान शहीद के बड़े भाई दिनेश हांसदा ने बच्चों को गणेश हांसदा की शहादत व गणेश हांसदा को सेना मेडल मिलने की कहानी बताई। दिन भर के कार्यक्रम में भाग लेकर सभी बच्चों व अभिभावक बेहद उत्साहित नजर आए।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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