सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं. छह राज्यों में हुए उपचुनावों में घोसी के नतीजे को लेकर लोगों की ज्यादा दिलचस्पी रही. यूपी की घोसी विधानसभा सीट पर सत्ताधारी बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में सीधा मुकाबला था. घोसी के साथ ही उत्तराखंड की बागेश्वर, पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी, केरल की पुथुपल्ली, झारखंड की डुमरी और त्रिपुरा की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं – धनपुर और बॉक्सनगर. घोसी और पुथुपल्ली को छोड़ दें तो बाकी जगह बाजी उसी पार्टी के हाथ लगी है, जिसकी सरकार है.
घोसी की जनता ने भाजपा को ‘पचास हजारी पछाड़’ दी है।
ये भाजपा की राजनीतिक ही नहीं, नैतिक हार भी है। pic.twitter.com/mbhKjnMcv6
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 8, 2023
सबसे महत्वपूर्ण बात, विपक्ष के राष्ट्रीय स्तर पर एक बैनर तले एकजुट होने के बाद पहली बार ये उपचुनाव हुए हैं. ऐसे में मुकाबले को NDA बनाम INDIA के तौर पर देखा जा रहा था. घोसी का मामला इसलिए भी दिलचस्प रहा क्योंकि बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के पाला बदल लेने के चलते उपचुनाव कराना पड़ा. हर जगह अलग अलग परिस्थितियों में उपचुनाव हुए हैं. केरल की पुथुपल्ली सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के निधन के कारण उपचुनाव हुआ था, और कांग्रेस ने उनके बेटे को ही उम्मीदवार बनाया था. ऐसा ही मामला कुछ और सीटों पर भी रहा.
घोसी को लेकर बीजेपी का एक्सपेरिमेंट फेल हो गया है – जीत का सेहरा INDIA ब्लॉक के सिर बंध गया है. बीजेपी ने दारा सिंह चौहान को अखिलेश यादव से वापस तो ले लिया, लेकिन घोसी पर समाजवादी पार्टी का ही कब्जा बरकरार रहा. हार का ठीकरा चाहे जिस किसी के भी सिर फोड़ा जाये, मुद्दे की बात तो ये है कि दारा सिंह चौहान के कॅरियर पर फिलहाल ब्रेक लग गया है.
घोसी की हार का साइड इफेक्ट ये भी है कि दारा सिंह चौहान के साथ साथ अखिलेश यादव का साथ छोड़ कर बीजेपी के साथ आये ओम प्रकाश राजभर के भी मंत्री बनने का सपना हवाई किले की तरह टूट कर बिखर गया है. राजनीतिक विरोधी तो यहां तक कटाक्ष करने लगे हैं कि पीले गमझे वाले चाचा कहां गये?
सुधाकर सिंह की जीत के साथ समाजवादी पार्टी के तो जश्न मनाने का मौका भी है. समाजवादी पार्टी सुनील सिंह ‘साजन’ कह रहे हैं, ओम प्रकाश राजभर बीजेपी को मुबारक, वो जहां रहते हैं नाश करते हैं… हमारे साथ रहे हमारा भी नुकसान किया. घोसी उपचुनाव में गिनती पूरी होने के बाद सपा के सुधाकर सिंह को 1,24,427 वोट और बीजेपी प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को 81,668 वोट मिले. इस तरह सपा को 42,759 वोटों की जीत हासिल हुई है.
बीजेपी के लिए नुकसान की बात ये भी है कि धुपगुड़ी सीट उसके हाथ से निकल गयी है. एससी के लिए सुरक्षित विधानसभा सीट धुपगुड़ी में बीजेपी विधायक बिष्णु पांडे के निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा था.
मुकाबला तो धुपगुड़ी में भी NDA बनाम INDIA ही रहा, लेकिन यहां बीजेपी को गठबंधन में फूट का फायदा नहीं मिला. धुपगुड़ी सीट पर सीपीएम ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया था जिसे 6.52 वोट भी मिले हैं. अगर गठबंधन के पक्ष में सीपीएम ने उपचुनाव में हिस्सा नहीं लिया होता तो हार-जीत का अंतर ज्यादा हो सकता था.
अब इन नतीजों के कई पहलू नजर आ रहे हैं. अगर नतीजों को INDIA बनाम NDA के रूप में देखें तो विपक्ष के खाते में 4 जबकि बीजेपी के हिस्से में 3 ही सीटें आयी हैं. अगर अलग अलग करके देखें तो बीजेपी ने 3 सीटें जीती है, जबकि कांग्रेस, JMM, टीएमसी और समाजवादी पार्टी को एक-एक सीट मिली है – लेकिन यूपी की राजनीति के हिसाब से देखें तो विधानसभा चुनाव बाद समाजवादी पार्टी पहली बार भारी पड़ी है, जिसे विपक्ष आने वाले दिनों में NDA पर INDIA की फतह के तौर पर पेश करेगा.
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