बिजली की संकट से लोगों को निजात दिलाने को लेकर हेमंत सरकार गंभीर है. जहां झारखंड कैबिनेट की बैठक में DVC और NTPC को 1690 करोड़ की टैरिफ सब्सिडी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसके तहत इस राशि से बकाया भुगतान किया जा रहा है. वहीं, सीएम हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों को जल्द इस संकट से निजात दिलाने का आश्वासन दिया |
विभाग को दी गयी अतिरिक्त राशि
सीएम श्री सोरेन कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस समय पूरे देश में बिजली की कमी है. झारखंड भी इससे अछूता नहीं है. राज्य में स्थापित पावर प्लांटों में कुल क्षमता से कम बिजली का उत्पादन हो रहा है. इसके कारण ही ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है. वहीं, झारखंड कैबिनेट में भी DVC और NTPC को टैरिफ सब्सिडी देने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी है. इसके तहत ही सरकार विभाग को अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि बिजली खरीद कर इसकी आपूर्ति पूरी की जाए. उन्होंने कहा कि विभाग ने बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए काम शुरू कर दिया है |
झारखंड में 2600 मेगावाट बिजली की जरूरत
बता दें कि बढ़ती गर्मी में झारखंड में बिजली की मांग 2600 मेगावाट तक पहुंच गयी है. राज्य NPTC, NHPC, विंड पावर से खरीद कर 2100 से 2200 मेगावाट बिजली की जरूरत पूरा कर लेता है. इसके लिए पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदनी पड़ती है. पर, पावर एक्सचेंज के पास इस समय बेचने के लिए केवल 2200 मेगावाट अतिरिक्त बिजली शेष है. दूसरे राज्यों से मांग बढ़ गयी है |
बिजली संकट पर साक्षी ने भी पूछे सवाल
दूसरी ओर राज्य में बिजली कटौती से त्रस्त टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की पत्नी साक्षी भी झारखंड में बिजली की स्थिति से परेशान होकर सरकार से सवाल पूछा था. साक्षी ने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर पूछा कि एक टैक्स पेयर होने के नाते जानना चाहती हूं कि आखिर झारखंड में कई सालों से बिजली की स्थिति ऐसी क्यों है |
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