विद्युत नियामक आयोग के अधिकारियों की मानें तो इस संशोधन के लिये निगम को एक सप्ताह का समय दिया गया है। पीटिशन में स्क्रूटनी के बाद ही नयी दरें निर्धारण की प्रक्रिया आगे की जायेगी। फिलहाल निगम को संशोधन का निर्देश दिया गया है। ऐसे में नयी बिजली दरों पर कार्रवाई के लिये आयोग को अभी समय लगेगा। आयोग की मानें तो राज्य में बिजली दरों के निर्धारण के लिये जन सुनवाई का विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित किया जाता है। जिसके बाद सुनवाई होती है। जेबीवीएनएल के प्रस्ताव पर सुनवाई होने में फिलहाल समय लगेगा।
16 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव
जेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पिछले साल दिसंबर में नया बिजली टैरिफ प्रस्ताव आयोग के पास जमा किया है। जेबीवीएनएल ने इस साल के लिए 16.17 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में निगम ने बताया है कि बिजली दरों में वृद्धि नहीं होने से निगम को सालाना छह हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है।
दो साल नियामक आयोग रहा खाली
साल 2020 के बाद से राज्य में नयी बिजली दरों का निर्धारण नहीं किया गया है। नियामक आयोग ने अक्टूबर 2020 में नयी बिजली दरों का निर्धारण किया था। इसके बाद से नयी दरें तय नहीं की गयी। क्योंकि आयोग का अध्यक्ष पद मई 2020 में खाली हुआ। इसके बाद 2021 में सदस्य तकनीकि और सदस्य विधि पद भी खाली हो गया।
इस साल मई में राज्य सरकार ने सदस्य तकनीकि और सदस्य विधि पद पर नियुक्ति की गयी। जिसमें सदस्य तकनीकि बनाये गये पूर्व इंजीनियर अतुल कुमार और सदस्य विधि बनाये गये। रिटायर्ड जज महेंद्र प्रसाद इनके पदभार ग्रहण के साथ ही आयोग में प्रक्रिया शुरू हुई।
वहीं, अध्यक्ष पद पर अभिताभ कुमार गुप्ता की नियुक्ति पिछले महीने की गयी। जिसके बाद निगम में नयी टैरिफ प्रक्रिया को गति मिली।
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