दीपावली के पर्व पर मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है। इस दौरान मिलावटखोरों की भी चांदी हो जाती है। वे कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए मिठाइयों में मिलावट करते हैं।
खाद्य सुरक्षा विभाग इस दौरान मिठाइयों की गुणवत्ता जांचने के लिए दुकानों से सैंपल लेता है। लेकिन विभाग की जांच सिर्फ दिखावा बनकर रह गई है।
होली के बाद से खाद्य सुरक्षा विभाग ने 83 सैंपल लिए थे, लेकिन इनकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। इसका मतलब है कि इन सैंपलों में से मिलावटखोरी की गई हो या नहीं, इसका पता नहीं चल पाया है।
इससे मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं। वे बेखौफ होकर मिठाइयों में मिलावट कर रहे हैं।
दीपावली के नजदीक आने के साथ मिलावट का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहना चाहिए और मिलावटी मिठाइयों से बचना चाहिए।
मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई की मांग
मिठाइयों में मिलावट से लोगों की सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। ऐसे में मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
खाद्य सुरक्षा विभाग को चाहिए कि वह मिलावटखोरों पर तुरंत कार्रवाई करे। सैंपल की रिपोर्ट आने में लगने वाले समय को कम किया जाए।
साथ ही, लोगों को भी जागरूक किया जाए कि वे मिलावटी मिठाइयों से बचें।
मिलावटखोरी के प्रकार
मिठाइयों में मिलावट के कई प्रकार हैं। इनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- मावा में मिलावट: मावा को बनाने के लिए दूध और चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। मिलावटखोर मावा में घी, स्टार्च, सिंघाड़े का आटा, आलू, यूरिया आदि मिला देते हैं।
- दूध में मिलावट: दूध को बढ़ाने के लिए मिलावटखोर दूध में पानी, क्रीम, दूध पाउडर आदि मिला देते हैं।
- वनस्पति घी में मिलावट: वनस्पति घी में मिलावटखोर नकली घी, तेल, या फिर किसी दूसरे वनस्पति घी को मिला देते हैं।
- रंग में मिलावट: मिठाइयों को रंगीन बनाने के लिए मिलावटखोर नकली रंग, केमिकल आदि का इस्तेमाल करते हैं।
मिलावटी मिठाइयों से होने वाले नुकसान
मिलावटी मिठाइयों से लोगों की सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। इनमें से कुछ प्रमुख नुकसान निम्नलिखित हैं:
- पेट दर्द, उल्टी, दस्त आदि
- आंतों में संक्रमण
- कैंसर
- लीवर और किडनी की खराबी
- बालों का झड़ना
- त्वचा रोग
मिलावटी मिठाइयों से बचने के उपाय
- प्रसिद्ध और भरोसेमंद दुकानों से मिठाइयां खरीदें।
- मिठाइयों की पैकिंग पर उल्लिखित जानकारी को ध्यान से पढ़ें।
- मिठाइयों को छूकर और सूंघकर देखें।
- मिठाइयों का रंग और स्वाद सामान्य होना चाहिए।
मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई की मांग
मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है। सरकार को चाहिए कि वह मिलावटखोरों के खिलाफ कड़े कानून बनाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
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