जमशेदपुर पुलिस अब फोरेंसिक ट्रैक की सुविधा से लैस होगी। इसके लिए शहर के पुलिस को राष्ट्रीय साइबर अपराध ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रशिक्षण से उन्हें डिजिटल साक्ष्य और उसके विश्लेषण में मदद मिलेगी।
सिटी पुलिस के पास अपनी साइबर फोरेंसिक ट्रैकिंग टीम होगी। प्रशिक्षण के लिए टीम को ट्रेनिंग सेंटर भेजा जाएगा। यहां उन्हें तीन तरह के कोर्स कराए जाएंगे। इसमें बेसिक, इंटरमीडिएट और विकसित कोर्स शामिल हैं। जमशेदपुर पुलिस अलग-अलग चरणों में तीनों कोर्स करेगी। कंप्यूटर फोरेंसिक एक विशेष कंप्यूटिंग डिवाइस से सबूत इकट्ठा करने और संरक्षित करने के लिए जांच और विश्लेषण तकनीक की विधि है। यह साक्ष्य के रूप में अदालत में मदद करती है।
डाटा को रिकवर करने में काम आता है फोरेंसिक
कंप्यूटर फोरेंसिक का प्रयोग घटना और उसके जिम्मेदार लोगों के लिए साक्ष्यों को जुटाने और उसे सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। फोरेंसिक प्रक्रिया का उपयोग डाटा रिकवर करने में भी किया जाता है। इसके साथ ही क्रैश सर्वर, विफल ड्राइव या अन्य स्थिति में डाटा जुटाने में यह सहायक होती है। प्रशिक्षण के बाद डिजिटल साक्ष्य को संभालने में तकनीकी गड़बड़ी से भी बचा जा सकेगा और इसमें साक्ष्य को जिस तरह से नष्ट कर दिया जाता है, उसका विवरण भी एकत्रित किया जाएगा।
साइबर एक्सपर्ट की बनेगी टीम
शहर में साइबर एक्स्पर्ट की एक टीम बनेगी, जिसे प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। वर्तमान में सभी थाने में साइबर एक्सपर्ट के रूप में एक पुलिस पदाधिकारी को तैयार किया जा रहा है। केस की जांच विधिवत तरीके से हो इसके लिए एसएसपी प्रभात कुमार ने जिले के सभी थाना को यह निर्देश दिया है।
पुलिस को हर तरह से प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि अलग-अलग विषय में अलग जांच टीम बने। इससे केस के अनुसंधान में मदद मिलेगी और जेल भेजे गए अपराधियों को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा।– प्रभात कुमार, एसएसपी, जमशेदपुर
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