दोपहर के 1 बजे हैं और हम हैं आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में राग इंडस्ट्रीज के अंदर। बिजली नहीं होने के कारण यहां जेनरेटर चल रहा है। हमें बताया गया कि करीब 11 बजे से यानी दो घंटे से बिजली नहीं है। हम संचालक अनुराग पाठक से मिले।
अनुराग ने हमें बताया कि गर्मी के आते ही जेबीवीएनएल की बिजली बाकी सीजन में 4-5 घंटे नहीं रहती। लेकिन गर्मी आते ही कटौती बढ़कर 7-10 घंटे तक हो जाती है। अभी ऐसा ही चल रहा है। लगातार जेनरेटर चलाकर उत्पादन जारी रखना होता है। राग इंडस्ट्रीज प्रोडक्शन बेस्ड कंपनी है। यहां सीएनसी वर्क से लेकर बीम, पत्ती और एंगल का निर्माण होता है। अनुराग बताते हैं कि बिजली नहीं रहने पर उत्पादन सीधे प्रभावित होता है, डीजल का खर्च लगभग दोगुना हो जा रहा है। इससे लागत बढ़ गई है।
यहां से निकल कर हम 1.30 बजे पहुंचे मशीनिंग का काम करने वाले कलशी टूल्स में। यहां भी जेबीवीएनएल की बिजली है। इसमें मशीनिंग व पार्टस की फिनिशिंग का काम होता है। लेकिन दोपहर में काम बंद था। कंपनी के केयर टेकर जयदेव ने बताया- यहां नियमित बिजली जरूरी है। अगर बिजली कटती है, तो काम बंद हो जाता है।
रोज 4 घंटे तो बिजली कट ही रही है, थोड़ा भी आंधी पानी हुई तो 5-7 घंटे बिजली कट जाती है। काम ठप हो जाता है। हमारे यहां जेनरेटर नहीं है, क्योंकि डीजल का खर्च बहुत ज्यादा आता है और लागत बढ़ जाती है।
कटौती के कारण यहां कंपनियों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित
झारखंड की सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र आदित्यपुर में छोटी और मध्यम इकाइयों के यह हाल हैं। दरअसल कटौती के कारण यहां कंपनियों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 1800 इकाइयों में से लगभग लगभग 800 से अधिक छोटी-बड़ी इकाइयों को अनियमित बिजली आपूर्ति के कारण हर दिन औसतन 2 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ता है।
मुश्किल हालात में फंस गई हैं छोटी इकाइयां
आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एशिया) के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल ने कहा कि हम हर दिन लगभग 6-10 घंटे कटौती का सामना कर रहे हैं। छोटी इकाइयों की कमर टूट रही है। वे जुस्को की भारी भरकम सिक्योरिटी मनी जमा करने की स्थिति में नहीं हैं।
इस क्षेत्र में 83 प्रतिशत छोटी औद्योगिक इकाइयों को जेबीवीएनएल से बिजली मिलती है। शेष इकाइयां निजी उद्यम जमशेदपुर यूटिलिटीज एंड सर्विसेज जुस्को कंपनी से बिजली खरीदती हैं। आदित्यपुर में कंपनी चलाने वाले अजय सिंह का कहना है कि छोेटी कंपनी चलाने वाले एक मुश्किल स्थिति में फंस गए हैं। बिना नोटिस के बिजली कटौती हो रही है।
उत्पादन लागत बढ़ने से छोटी कंपनियों पर खतरा
लगातार बिजली कट से उत्पादन लागत बढ़ रही है। समय से ऑर्डर पूरा नहीं करने पर छोटी इकाइयों से तो आॅर्डर भी छीने जाने का खतरा बना रहता है। अधिकारी सुन नहीं रहे। -समीर सिंह, महामंत्री, लघु उद्योग भारती।
मैन्युफैक्चरिंग का काम करने वाली यूनिट बिजली कटौती से खासे परेशान हैं। इकाइयों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। लगातार पत्राचार और समस्याओं के बाद भी कोई निदान नहीं है। -इंदर अग्रवाल, अध्यक्ष, एशिया
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र पर एक नजर
1800 लगभग कुल कंपनियां। 1050 बड़ी कंपनियां 300 मध्यम कंपनियां 450 छोटी कंपनियां 1480 कंपनियां जिसमें जेबीवीएनएल कनेक्शन 320 कंपनियां जिनमे जुस्को का है बिजली कनेक्शन
इस साल जुस्को की बिजली भी कट रही
आदित्यपुर औद्याेगिक क्षेत्र में जेबीवीएनएल छाेटी व एसएसआई श्रेणी की कंपनियाें में बिजली सप्लाई करती है। जेबीवीएनएल पहले करीब 1000 कंपनियाें को बिजली देती थी। 2010-11 के बाद जुस्को यहां बिजली सप्लाई करने लगी। लगातार कटौती व खराब सर्विस के कारण अब सिर्फ 80 कंपनियाें में ही जेबीवीएनएल की सप्लाई है।
इस साल कुछ दिनों से जुस्को की सप्लाई भी नियमित नहीं है। मां भवानी फैब्रिकेशन एंड कंस्ट्रक्शन बड़ी कंपनी है। इसके संचालक अजय सिंह बताते हैं कि जेबीवीएनएल ही नहीं जुस्को की बिजली भी कट रही है। पावर बैकअप और जेनरेटर की सुविधा रखने वाले कंपनियों को कम परेशानी है, पर छोटी इकाइयां भी प्रभावित होती हैं। बड़ी कंपनियों का डीजल खर्च बढ़ गया है, उत्पादन लागत भी बढ़ गई है।
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