हल्की आंधी बारिश शुरू हुई नहीं कि बिजली गुल। आम लोग तो परेशान ही हैं, उद्योग-धंधे वालों को भी भारी दिक्कत है। वजह, बिजली के तारों का अंडरग्राउंड न होना। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) आठ साल में अंडरग्राउंड तार बिछाने के नाम पर राज्य में 1200 करोड़ रुपए और कोल्हान प्रमंडल में 300 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। लेकिन काम पूरा नहीं हुआ है। रघुवर सरकार ने 2015 में केबलिंग अंडरग्राउंड करने की योजना शुरू की थी।
जमशेदपुर और चाईबासा अंचल में केईआई कंपनी को काम दिया गया है। काम 2018 में पूरा हाे जाना चाहिए था। पूरे झारखंड में 60% 33 केवीए लाइन ही अंडरग्राउंड है, जबकि 40 फीसदी तार ओवरहेड हैं। वहीं 11 केवीए लाइन का सिर्फ 20 फीसदी ही अंडरग्राउंड है। अंडरग्राउंड केबल होने पर भी पूरे झारखंड में 80 फीसदी केबल ओवरहेड ही रहेगा।
कभी एनओसी अटकी, कभी लोगों ने विरोध किया
मानगो में एनएच 33 को चौड़ा करने के कारण देरी हो गई,जबकि मानगो, बिरसानगर, जुगसलाई, करनडीह और छोटा गोविंदपुर और आसपास जनता का विरोध भी रहा। काम भी धीमी गति से चल रहा है। इसके पहले भी एनएचएआई से क्लियरेंस मिलने में देरी से काम शुरू हुआ।
यहां काम पूरा
जुगसलाई, परसुडीह, बागुननगर, बारीडीह, बिरसानगर, करनडीह, कदमा व सोनारी में।
यहां अधूरा
मानगो के एनएच 33 क्षेत्र में, बालीगुमा व आसपास, डिमना रोड, आदित्यपुर, घाटशिला, चांडिल और चाईबासा में।
1000 औद्योगिक कंपनियों में 920 ने लिया जुस्को का कनेक्शन
पॉवर कट से नहीं चल पाते कारखाने
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में पहले 1000 कंपनियों में जेबीवीएनएल की सप्लाई थी लेकिन पॉवर कट से परेशान करीब 920 उद्यमियों ने जुस्को से कनेक्शन ले लिया। अब सिर्फ 80 में सरकारी बिजली कनेक्शन है। घरेलू उपभोक्ता भी लगातार जुस्को से कनेक्शन ले रहे हैं।
लाइन लॉस भी 20 फीसदी से ज्यादा
जेबीवीएनएल का लाइन लॉस यानी चोरी लगभग 32 फीसदी है। इसका मुख्य कारण केबल का अंडरग्राउंड नहीं होना और ओवरहेड रहना है। यदि अंडरग्राउंड केबलिंग हो जाए, तो लाइन लोस 32 से घट कर 20 से 22 फीसदी होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
हर घर सरकारी कनेक्शन छोड़ने का तैयार
शहर में निजी कंपनी जुस्को बिष्टुपुर, कदमा, सोनारी, साकची, गोलमुरी, बारीडीह, एग्रिको, टेल्को, बर्मामाइंस, सीतारामडेरा आदि इलाकों में बिजली सप्लाई करती है। शहर के बाकी बड़े हिस्से में जेबीवीएनएल की ओर से बिजली सप्लाई की जा रही है। इन क्षेत्रों के लोग लगातार जुस्को की सप्लाई की मांग कर रहे हैं। हालत यह है कि यदि इन इलाकों में निजी कंपनी बिजली दे दे तो एक भी घर में सरकारी कनेक्शन नहीं बचेगा। ऐसे एक लाख लोग सरकारी कनेक्शन छोड़ने को तैयार बैठे हैं।
मार्च तक काम पूरा करने का लक्ष्य, इसके बाद टेस्टिंग करेंगे- श्रवण कुमार, जीएम, जेबीवीएनएल
Q कब तक पूरा हो जाएगा काम?
A ठेका कंपनियों को मार्च तक काम पूरा करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
Q कितनी राशि कोल्हान में खर्च हो चुकी है?
A कोल्हान में 300, झारखंड में 1200 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। लेकिन कई जिलाें में ओवरहेड तार इसके बाद भी रह जाएगा। जबतक पूरी तार अंडरग्राउंड नहीं होंगी तबतक पूरा लाभ नहीं मिलेगा।
Q कब तक बिजली सप्लाई शुरू हो जाएगी?
A अंडरग्राउंड केबलिंग का काम पूरा होने पर टेस्टिंग की जाएगी। फिर इसके बाद ही बिजली सप्लाई हो सकती है। इसमें ऊर्जा विभाग द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है। जेबीवीएनएल की ओर से कार्य की निगरानी रखी जा रही है। सभी चीज ठीक रहा तो इसमें कोई संदेह नहीं कि जल्द कार्य पूरा होने पर बिजली की टेस्टिंग भी की जाएगी।
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