मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सतना के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जानबूझकर दस्तावेज पेश नहीं करने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. यह रकम डीईओ को अपनी जेब से देनी होगी. जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने कहा कि यदि अगली सुनवाई के दौरान सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ जवाब पेश नहीं किया गया तो डीईओ एसएन पांडे को फिर से हाजिर होना पड़ेगा.
अगली सुनावाई 15 मार्च को इसके साथ ही कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि डीईओ से वसूल की जाने वाली जुर्माने की राशि शासकीय खजाने से उन्हें लौटाई न जाये बल्कि वे अपनी जेब से अदा करेंगे. कोर्ट ने कहा कि कॉस्ट की राशि शासकीय मूक-बधिर विद्यालय के बैंक अकाउंट में जमा कराई जाए. मामले पर अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी.
दरअसल, मामला छेड़खानी के आरोप में एक शिक्षक के निलंबन से जुड़ा है. डीईओ ने कोर्ट में स्वीकार किया कि कुछ गलती के कारण पूरा जवाब पेश नहीं हो पाया है. क्या था मामलापिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीईओ को आदेश दिए थे कि वे खुद आकर बताएं कि अधूरा जवाब क्यों पेश किया गया. मैहर स्कूल में पदस्थ विनोद तिवारी को एक अप्रैल 2021 को सस्पेंड कर दिया गया था.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अतुल राय ने दलील दी कि नियमानुसार उन्हें समय पर चार्जशीट की कॉपी नहीं दी गई. याचिका दायर होने के बाद कोर्ट ने पाया कि शासन के जवाब में कुछ आवश्यक दस्तावेज पेश नहीं किए गए जिन पर विचार करना जरूरी है.
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