घाटशिला कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ जानुम सिंह सोय को बुधवार को राष्ट्रपति भवन पद्म पुरस्कार के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया। आदिवासी वेश-भूषा धारण कर डॉ सोय अवार्ड लेने के लिए पहुंचे थे। हरा रंग का पगड़ी उसपर मोर का पंख लगा हुआ था। पुरस्कार के दौरान डॉ सोय का पूरा परिवार राष्ट्रपति भवन में मौजूद था।
डॉ सोय ने बताया कि उनके नाम की घोषणा हुई तो राष्ट्रपति को जोहार बोला तो राष्ट्रपति ने भी जोहार बोलकर स्वागत करते हुए पूछा कि कैसे हैं आप, इसपर डॉ सोय ने कहा कि अच्छा हूं। इसके बाद उन्होंने पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। डॉ सोय को यह पुरस्कार पिछले 40 सालों से हो-भाषा के विकास के काम के चलते दिया गया है।
दो माह पूर्व साल 2023 के लिए पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। डॉ सोय ने हो जनजाति की संस्कृति और जीवनशैली पर 6 पुस्तकें लिखी हैं। इसमें से चार कविताएं और उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। उपन्यास में उन्होंने आदिवासियों की परंपरा, संस्कृति, त्योहारों और लोकरीत के गीतों को शामिल किया है।
राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार लेकर काफी गौरान्वित महसूस कर रहा हूं। भविष्य में भी भाषा और संस्कृति के विकास के लिए कार्य करते रहेंगे। यह झारखंड के लिए गौरवशाली क्षण है। डॉ. जानुम सिंह सोय, पद्म पुरस्कार विजेता।
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