छत्तीसगढ़ सरकार गोबर खरीदी के बाद अब गौ मूत्र खरीदी करने पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम हाउस में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की है. बैठक में मुख्यमंत्री ने गौ-मूत्र खरीदी के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए टेक्निकल कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में आवारा पशुओं से छुटकारा के साथ गोबर से आमदनी के लिए साल 2020 में गोबर खरीदी शुरू की गई थी.
टेक्निकल कमेटी 15 दिन में सौपेंगी सिफारिश
अब सरकार गौ मूत्र खरीदारी के पहलुओं पर चर्चा कर रही है. सीएम के निर्देश पर बनाए जा रहे टेक्निकल कमिटी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों को भी शामिल किया किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कमेटी का गठन करने के बाद 15 दिनों में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. टेक्निकल कमेटी गौ-मूत्र के संग्रहण, गौ-मूत्र की गुणवत्ता की टेस्टिंग, गौ-मूत्र से तैयार किए जाने वाले उत्पादों के बारे में सिफारिश देगी.
गौ-मूत्र का फर्टिलाइजर के रूप में होगा प्रयोग
बैठक में बताया गया कि गौ-मूत्र से बॉयो फर्टिलाइजर और बॉयो इनसेक्टिसाइड तैयार किए जाते हैं. गौ-मूत्र में यूरिया सहित अनेक मिनिरल और इंजाइम्स भी होते हैं. फर्टिलाइजर के रूप में गौ-मूत्र का इस्तेमाल करने से सूक्ष्म पोषक तत्व नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का अवशोषण बढ़ता है.
पौधों की ऊंचाई और जड़ में अच्छी वृद्धि होती है, मिट्टी में लाभकारी जीवाणु बढ़ते हैं और गौ-मूत्र में पाये जाने वाला यूरिया बहुत से कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करता है. बैठक में ये भी बताया कि प्रदेश में गौ-वंशीय और भैस वंशीय पशुओं की संख्या 111 लाख से ज्यादा है. प्रति पशु औसतन प्रतिदिन 7 लीटर गौ-मूत्र विसर्जित करता है.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!