साम्प्रदायिक वैमनस्य देश के लिए घातक- आभा मुखतलिफ़
देश में बने साम्प्रदायिक वैमनस्य को लेकर सर्वधर्म समन्वय परिषद् की एक आकस्मिक बैठक झारखण्ड के रामगढ़ में संयोजक आभा मुखतलिफ़ के (रामगढ़ कॉलेज के निकट) आवास पर हुई, जिसमें संयोजक आभा ने कहा कि फिलहाल कथित धर्म सांसदों का आयोजन कर भिन्न मतावलंबियों के लिए अपमानजनक एवं असहिष्णु बयानबाज़ी, चर्चों में तोड़-फोड़, सार्वजानिक स्थलों पर ज़बरिया नमाज़ न होने देने और कुछ गुरुद्वारों में धार्मिक प्रतीकों के प्रति बेअदबी की घटनाओं का बढ़ना बेहद चिंताजनक है. इन घटनाओं से निपटने और दोषियों को पकड़कर दण्डित करने में प्रशासन का लचर रवैया और भी चिंताजनक है. ऐसी घटनाओं का प्रतिवाद और संगठित विरोध ज़रूरी है.
साम्प्रदायिक हिंसा कुछ राजनीतिक दलों की वोट की राजनीति-बलराम सिंह
परिषद् के वरिष्ठ सदस्य बलराम सिंह ने कहा कि सनातन धर्म का मूल्य सहिष्णुता है. धर्म के नाम पर साम्प्रदायिकता व साम्प्रदायिक हिंसा कुछ राजनीतिक दलों की वोट की राजनीति का औज़ार बन गया है. इस सन्दर्भ में लोगों को सचेत करने और सामाजिक जागृति लाने का काम सर्वधर्म समन्वय परिषद् का मुख्य उद्देश्य हमेशा से रहा है.
धर्म के मामले में ज़िद या कट्टरता का कोई स्थान नहीं है
परिषद् के अन्य वरिष्ठ सदस्य बसंत हेतमसरिया का मानना था कि धर्म के मामले में ज़िद या कट्टरता का कोई स्थान नहीं है. इन प्रवृत्तियों के ख़ात्मे और सबको अपनाने की उदारता से ही साम्प्रदायिक विद्वेष और हिंसा की घटनाएं थमेंगी.
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एकता का सन्देश जाना ज़रूरी
परिषद् के संस्थापक लियो सिंह ने जोर देकर कहा कि मौजूदा माहौल में सर्वधर्म समन्वय परिषद् की सक्रियता और प्रभाव को बढाने की ज़रुरत है. असद बारी ने कहा कि कोरोना के दौर में परिषद् की सक्रियत कम हुई है, लेकिन सामुदायिक एकता को तोड़ने वाली हर हिंसक घटना का विरोध करते हुए परिषद् द्वारा एकता का सन्देश जाना ज़रूरी है.
युवा सदस्य राजू विश्वकर्मा ने कहा कि देश में साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने वाली हर घटना का पूरजोर विरोध करना चाहिए. सदस्य पन्नालाल ने भी देश की धर्मनिरपेक्षता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए समाज के हर जागरूक और ज़िम्मेदार व्यक्ति को आगे आना चाहिए.
बैठक में उक्त सदस्यों के अलावे कई अन्य ने भी ऑनलाइन लिंक से जुड़कर अपने विचार व्यक्त किए.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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