UTI, यानी यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन। ऐसे में पेशाब करते हुए जलन होती है, बार-बार पेशाब लगता है।अब UTI को आमतौर पर महिलाओं में होने वाली समस्या के तौर पर देखा जाता है। यानी ये औरतों को ज़्यादा होता है।पुरुषों में होने वाले यूरिन इन्फेक्शन के बारे में जानकारी बहुत कम है। इसलिए लक्षण दिखने पर इसका सही डायग्नोसिस नहीं हो पाता।
तो आइए हम पुरुषों में होने वाले UTI पर बात करते हैं। ये क्यों होता है, इसके लक्षण और इलाज के बारे में लोगों को बताएं। तो सबसे पहले इस पर बात करते हैं कि क्या पुरुषों में पेशाब का इन्फेक्शन होता है?
क्या पुरुषों में यूरिन इन्फेक्शन होता है?
डॉक्टर बताते हैं –
UTI यानी यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन।
-ये आमतौर पर औरतों को होने वाली समस्या है।
-इसके पीछे उनके शरीर की बनावट ज़िम्मेदार है।
-पर पुरुषों में भी यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो सकता है।
कारण
-पुरुषों में यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने के कई कारण हो सकते हैं।
-जैसे डायबिटीज एक रिस्क फैक्टर है।
-STI यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन भी एक कारण है।
-कुछ सर्जिकल कारण भी होते हैं।
-जैसे बढ़ती उम्र में बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (प्रोस्टेट ग्रंथी का बढ़ जाना)।
-स्ट्रिक्चर यूरेथ्रा (पेशाब की नली में रुकावट, सूजन)।
-स्टोन की बीमारियां।
-इन सभी कारणों से यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो सकता है।
लक्षण
-बार-बार पेशाब के लिए जाना।
-पेशाब के रास्ते में जलन होना।
-यूरिन होने के बाद जलन का एहसास होना।
-पेशाब लीक होना।
डायग्नोसिस
-UTI होने का शक होता है तो कुछ टेस्ट किए जाते हैं।
-ये टेस्ट यूरिन इन्फेक्शन के डायग्नोसिस को पुख्ता करते हैं।
-जैसे यूरिन का रूटीन एनालिसिस करना।
यूरिन कल्चर
-अल्ट्रासाउंड की ज़रूरत पड़ती है।
इलाज
-जब ये टेस्ट से साफ़ हो जाता है कि मामला UTI का है तो एक ख़ास एंटीबायोटिक दी जाती है।
-ये एक लेबोरेटरी द्वारा सजेस्ट की जाती है।
-सेंसिटिव एंटीबायोटिक के हिसाब से UTI का इलाज किया जाता है।
-पुरुषों में अगर प्रोस्टेट बढ़ा हुआ है, स्ट्रिक्चर है या कभी-कभी फोरस्किन के अंदर से भी इन्फेक्शन फैलता है।
-तो उसका इलाज लक्षणों को देखते हुए किया जाता है।
-कोई भी रिस्क फैक्टर अगर है जैसे डायबिटीज तो उसका इलाज भी किया जाता है ताकि समस्या जड़ से खत्म हो.
-UTI पेशाब की नली में कहीं भी हो सकता है.
-डॉक्टर से सही डायग्नोसिस लें।
-सही एंटीबायोटिक दवाइयों से इलाज लें।
-कोई भी एंटीबायोटिक इलाज खुद और एकदम से न शुरू करें।
-इससे एंटीबायोटिक का असर कम होने लगेगा यानी वो दवाई असर नहीं करेगी।
-UTI के साथ जो और इन्फेक्शन या बीमारी हैं, उनका इलाज मुश्किल हो जाएगा।
याद रखिए, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में जलन होना UTI के लक्षण हैं। अब ये UTI किन-किन कारणों से हो सकता है ये तो आपको डॉक्टर साहब ने बता दिया। पर डायबिटीज इसकी एक बड़ी वजह है और इशारा भी। इसलिए अगर आपको UTI के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो खुद कोई दवा लेकर अपना इलाज न करें। डॉक्टर को दिखाकर सही डायग्नोसिस और इलाज करवाएं।
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