चेतावनी के बाद भी नाही मानते लोग
हम अक्सर देखते हैं कि तंबाकू विक्रेता ने अपनी दुकान पर बड़े–बड़े शब्दों में लिखा होता है-‘तंबाकू से कैंसर होता है। लेकिन फिर भी बावजूद तंबाकू खरीदते वक्त लोग इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हैं। इसके इलावा सरकार द्वारा की गई पहल के अंतर्गत तंबाकू उत्पादों पर सहचित्र सहित सेहत चेतावनी का आकार भी 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर दिया गया है| ये इसलिए ताकि लोगों को तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति चेताया जा सके।
हालांकि इन सब चेतावनियों के बाद या कुछ लोगों पे थोड़ा असर पड़ता है | वो इस आदत को छोड़ने की कोशिश भी करते हैं | यहाँ तक कि कई बार इसका इस्तेमाल कम भी कर देता है लेकिन ये स्थति कुछ ही समय के लिए रह पाती है। धीरे धीरे लोग वापस अपनी लत की गति पकड़ लेते हैं |
नशा करने वालों की धारणाएं जो उन्हें लत छोड़ने नहीं देती
अपनी लत के कारण ऐसी बहुत सी धारणाएं हैं जो उन्हें फिर से इसका इस्तेमाल करने के लिए उकसा देती हैं| ये हैं लोगों की धारणाएं :
- मैं तंबाकू सेवन तो करता हूँ परन्तु मैं साथ में पोष्टिक आहार भी लेता हूँ इसलिए मुझे कैंसर नहीं हो सकता।
- मैं तो कभी-कभी इसका सेवन करता हूँ कैंसर तो उन्हें होता होता है जो प्रतिदिन इसका प्रयोग करते हैं।
- तंबाकू का सेवन छोड़ने के बाद मैं बीमार और सुस्त महसूस करता हूँ या करती हूँ।
- मेंरे बाप-दादा भी तो कब से इसका सेवन कर रहे हैं अगर उनको कुछ नहीं हुआ तो मुझे भी कुछ नहीं होगा।
परन्तु वो ये भूल जाते हैं कि बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनका जवानी में ही तम्बाकू के नुक्सान के कारण देहांत हो गया |इसलिए आज वो ये बात नहीं बता सकते कि उनकी मृत्यु का कारण तंबाकू है।
ये भी पढ़ें : UAE में इसराइली राष्ट्रपति का आगमन: क्या हैं इस ऐतिहासिक दौरे के मतलब
तम्बाकू में 69 कैंसर जनक होते हैं
लगभग 4000 रासायनिक तत्व होते हैं तम्बाकू में जिसमे से 69 कैंसर जनक होते हैं| कुछ लोगों को लम्बे समय तक तंबाकू सेवन करने के बाद भी कैंसर, अस्थमा, ह्रदयघात आदि रोग नहीं होते | वहीँ कुछ लोगों को कुछ समय तक तम्बाकू सेवन करने के बाद ही ये रोग पकड़ लेते हैं।अभी तक ऐसा कोई टेस्ट इजात नहीं हो पाया है जो ये बता सके कि तंबाकू उपभोग की किस उम्र या तंबाकू सेवन के कितने समय बाद ये रोग होंगे या फिर होंगे भी या नहीं।
धुम्रपान न करें न करने दें, दूसरों को भी है नुक्सान
तंबाकू के सेवन के कारण होने वाले रोगों की समस्या केवल पुरषों की समस्या ही नहीं है बल्कि ये महिलाओं और बच्चों के लिए भी घातक है। हमारे देश में ये भी धारणा है कि जो महिलायें तंबाकू का सेवन नहीं करती उनको ये सब रोग नहीं हो सकते | लेकिन हमें इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि अगर कोई व्यक्ति तम्उबाको या धूम्रपान करने वाले के आस पास भी होता है तो उसे भी उतना ही खतरा है जितना जितना कि उस धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को। इस स्थिति में अगर बच्चे भी आते हैं तो वो भी कई प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं। कई बार तो इस कारण लोगों की मृत्यु भी हो जाती है |
ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम तम्बाकू का नशा करने वाले लोगों से खुद को और बच्चों को दूर रखें |ये हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसे लोगों को अपने आस-पास धूम्रपान ना करने दें। और अगर आप खुद स्मोकिंग करते हैं तो आपको खुद सजग होना चाहिए कि आपके हाथों किसी दूसरे को नुक्सान न हो |
ये भी पढ़ें : आंध्र प्रदेश : देश के क़ानून का करो सम्मान, वरना समेटो अपनी दुकान
चौंकाने वाली रिपोर्ट
‘ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वे 2009-10’ के अनुसार, घरों में सबसे अधिक 52 प्रतिशत युवा दूसरों द्वारा छोड़े गए धुऐं का शिकार होते हैं। खोज में ये पता चला है कि जिन घरों में बच्चों की मौजूदगी में धूम्रपान होता है उन बच्चों में कान में संक्रमण, अस्थमा, निमोनिया, घरघराहट और खाँसी आदि रोगों से ज्यादा ग्रस्त होते हैं। ऐसे बच्चे दूसरे बच्चों की तुलना में कमजोर और ज्यादा बीमार रहते हैं।
गर्भवती महिला और बच्चे को नुक्सान
यदि किसी गर्भवती महिला के पास धूम्रपान किया जाता है तो उसकी कोख में पल रहे बच्चे को भी कई प्रकार की समस्याएं हो सकती है | जैसे कि जन्म के समय बच्चे का कम वजन, समय से पहले बच्चे का जन्म और कुछ मामलो में शिशु की मृत्यु भी हो सकती है। आजकल पुरषों में नपुंसकता और औरतों में बांझपन का बहुत बड़ा कारण तंबाकू ही है।
तंबाकू से होती है घातक बिमारी
तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में घातक है। मुंह, होंठ, गले, धवनियन्त्र, मूत्राशय आदि के कैंसर होने का 60 प्रतिशत कारण खाने वाले तंबाकू का प्रयोग करना है। लेकिन अगर समय रहते इस प्रकार से होने वाले कैंसर की लक्ष्णों और चिन्हों के द्वारा पहचान कर ली जाये तो इसका इलाज संभव है।
अंत में यही कहा जा सकता है आपके सिर के बालों से लेकर पैरों के नाखूनों तक जितने भी अंग है तंबाकू उन सभी अंगों के लिए घातक है। इसलिए इसका इस्तेमाल करना या न करना हमारी बुद्धिमता पर निर्भर करता है।
ये भी पढ़ें : सड़क परिवहन मंत्रालय : हादसों को रोकने के लिए अब पैसेंजर्स और स्कूल बसों में फायर अलार्म सिस्टम लगाना अनिवार्य
ये भी पढ़ें : Delhi : नोएडा में पूर्व IPS अफसर के घर आयकर का छापा, बेसमेंट में मिले 600 से अधिक लॉकर
Source: Achhikhabar.com
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!