वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के 63 से अधिक देशों में फैलने के बीच वैज्ञानिक इससे होने वाली चुनौतियों का अनुमान लगाने में जुट गए हैं।
ओमीक्रोन से दुनियाभर में अभी केवल कुछ ही मौत दर्ज की गई है। लेकिन इससे लोग इतना डर गए है कि दुनिया के कई देश बचाव के लिए बूस्टर टीका लगाने का अभियान चला रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने क्या अनुमान लगाया है?
संक्रमण को लेकर एक अनुमान लगाया गया है कि नए वेरिएंट के कारण आगामी दिनों में किस तरह के हालात बन सकते हैं। इस अनुमान का आधार है-प्रतिरोधकता(Resistivity)। वायरस में कितना म्यूटेशन या बदलाव होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी चपेट में आने वालों में कितनी रेसिस्टिव्टी है या उसे किस तरह के अन्य प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन को लेकर चार तरह के रेसिस्टिविटी का अनुमान लगाया है।
ज़ीरो रेसिस्टिवी
ज़ीरो रेसिस्टिविटी के अभाव में ओमिक्रॉन बिना किसी दबाव के फैलेगा जैसे कि शुरुआती दिनों में कोरोना वायरस फैल रहा था। लेकिन अब ऐसी परिस्थिति नहीं है, क्योंकि दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो चुके हैं या टीका लगवा चुके हैं। इस स्थिति में ओमिक्रॉन दुनियाभर में उस तरह फैलने की आशंका नहीं है, जैसे कि चीन के वुहान में सबसे पहले मिला वायरस फैल रहा था।
कम रेसिस्टिविटी
बाहरी या भीतरी रेसिस्टिवी का सामना करने पर ओमिक्रॉन और ज्यादा शक्तिशाली हो सकता है। ऐसी स्थिति में यह धीरे-धीरे खुद को और अधिक ताकतवर बनाता रहेगा। लेकिन इस दौरान लोगों को संक्रमित करने की इसकी गति, एंटीबॉडी भी काम नही आयेगी। कुछ समय बाद वायरस में अधिक म्यूटेशन होने पर इसकी संक्रमण दर और क्षमता और भी बढ़ जाएगी।
हेवी रेसिस्टिविटी
अगर वायरस को लोगों की प्रतिरोधक क्षमता से भारी चुनौती मिलेगी तो यह अपना रूप बदलने को विवश हो जाएगा।
जैसे डेल्टा वेरिएंट या पशु प्रजाति के साथ मेल होने पर इसमें और अधिक बदलाव हो सकते हैं। किसी पशु प्रजाति के साथ मेल होने पर इसमें और अधिक बदलाव हो सकते हैं, जो इंसानों के लिए ज्यादा घातक हो सकता है।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि बहुत कम समय में ऐसे हालात बन सकते हैं।
दो वेरिएंट का मेल
एक ही व्यक्ति के कोरोना के दो वेरिएंट से संक्रमित होने पर दो वेरिएंट में मेल की स्थिति बनती है। इस मेल से जो तीसरा वेरिएंट आएगा, उसमें पहले के दोनों वेरिएंट के ताकतवर जीन मौजूद रहेंगे। फिलहाल दो तरह के ओमिक्रॉन वेरिएंट मिल चुके हैं और भविष्य में इसके और भी प्रकार सामने आ सकते हैं।
तेज गति से फैलने वाले दोनों वेरिएंट-डेल्टा और ओमिक्रॉन मिश्रित रूप से किसी को संक्रमित करते हैं तो और अधिक घातक म्यूटेशन के जन्म होने की संभावना बनेगी।
ओमिक्रॉन का आना तय था
नवंबर के अंत में नए वेरिएंट ओमीक्रोन का उदय नई बात नहीं है। वैज्ञानिक पहले ही अनुमान लगा चुके थे कि कोरोना वायरस में म्यूटेशन के कारण इसके नए-नए वेरिएंट आते रहेंगे और बीमारी फैलाते रहेंगे।
वर्ष 2014-15 के सालाना फ्लू संक्रमण की तरह लोग समय-समय पर कोरोना के नए वेरिएंट की चपेट में आते रहेंगे। फिलहाल यह वेरिएंट चीन में भी पहुंच गया है, जहां पहले वायरस का पहला केस मिला था।
Article by- Nishat Khatoon
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