पश्चिमी सिंहभूम जिले के झींकपानी के जिला परिषद सदस्य जॉन मरण मुंडा को झींकपानी स्वास्थ्य उपकेंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से उलझना महंगा पड़ गया है।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने जॉन मिरन के खिलाफ झींकपानी थाने में सरकारी काम में बाधा डालने की प्राथमिकी दर्ज करा दी है। प्राथमिकी दर्ज होते ही पुलिस अनुसंधान में जुट गई है।
प्राथमिकी में डॉक्टर वीरेंद्र ने क्या बताया?
थाने में दर्ज प्राथमिकी में डॉक्टर वीरेंद्र ने बताया है कि 16 सितंबर को सरकार के निर्देश पर झींकपानी स्वास्थ्य उपकेंद्र परिसर में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया था। मेले के उद्घाटन के लिए बतौर मुख्य अतिथि चाईबासा सदर के विधायक दीपक बिरुवा को आमंत्रित किया गया था। उद्घाटन समारोह खत्म होने के बाद विधायक कार्यक्रम स्थल से चले गए।
उनके जाने के बाद मैं स्वास्थ्य केन्द्र में ओपीडी में चला गया। वहां मैं काम कर रहा था, तभी जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा आए और दरवाजे को धक्का देकर खोलने के बाद हंगामा करने लगे। जिला परिषद सदस्य बोले कि स्वास्थ्य मेला में मुझे क्यों नही आमंत्रित किया गया। पंचायत प्रतिनिधि की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जिला परिषद सदस्य की वजह से स्वास्थ मेला प्रभावित
उनके हंगामा करने से स्वास्थ्य मेले में आए मरीज और स्वास्थ कर्मचारी भयभीत हो गए। कई मरीज बिना इलाज कराए ही वापस लौट गए। जिला परिषद सदस्य की वजह से स्वास्थ मेला प्रभावित हो गया।
झींकपानी थाना के थाना प्रभारी रवि रंजन ने बताया कि शनिवार की घटना को लेकर डॉक्टर के बयान पर जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस इस पूरे प्रकरण की गंभीरता के साथ जांच कर रही है। मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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