ट्रस्ट को बदनाम करने की कुचेष्टा, अनुसंधान होने पर आरोपी कैसे लिखा गया ?-प्रणय
फ़ूड सेफ्टी ट्रेनिंग व सर्टिफिकेशन को लेकर अभियान चला रही फोस्टक के ट्रेनिंग पार्टनर पी .टेक.एजुकेशनल ट्रस्ट की टीम के खिलाफ कुछ स्थानीय लोगों द्वारा ज़िला फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर से शिकायत करने एवं सरायकेला थाने में पूछताछ कर टीम को छोड़ दिए जाने के वाकये को एक स्थानीय अख़बार द्वारा ग़लत तरीक़े से प्रकाशित किया गया है और लोगों में भ्रम फ़ैलाने व ट्रस्ट को बदनाम करने की कुचेष्टा की गई है. उक्त बातें ट्रस्ट के प्रणय रॉय एवं फनीभूषण महतो ने आज सोमवार को एक परस बयान जारी कर कही है.
पी .टेक.एजुकेशनल ट्रस्ट फोस्टक द्वारा मान्यता भी प्राप्त है
उन्होंने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि सरायकेला-खरसावां जिला क्षेत्र में विगत कुछ महीनों से फ़ूड सेफ्टी ट्रेनिंग व सर्टिफिकेशन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत दुकानों में स्वछता व रख रखाव को लेकर उन्हें जागरूक कर सर्टिफिकेशन के लिए रजिस्ट्रेशन का कार्य भी किया जा रहा है यह कार्य फोस्टक के ट्रेनिंग पार्टनर पी .टेक.एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है, जिसे फोस्टक द्वारा मान्यता भी प्राप्त है .साथ ही फोस्टक द्वारा 11 अप्रैल 2023 को एक पत्र भी जारी किया जा चुका है, जिसमें राज्य के सभी फ़ूड कमिश्नरों को यह सूचना दी गई थी, कि फोस्टक के ट्रेनिंग पार्टनर को मान्यता प्राप्त है, जिससे उन्हें राज्य के अधिकारियों से अनुमति लेने की जरुरत नहीं है, बल्कि सूचना देकर काम कर सकते हैं.
जिले के उपायुक्त को भी सूचना दी गई एवं उनसे रिसीविंग भी ली गई
इसके बाद पी .टेक. एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को सूचना दी गई. जिले के उपायुक्त को भी सूचना दी गई एवं उनसे रिसीविंग भी ली गई.इसके साथ ही जिले के फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर के पास जब जाकर रिसीविंग की मांग की गयी, तो उन्होंने रिसीविंग देने से मना कर दिया एवं कहा कि रिसीविंग की जरुरत नहीं हैं, आप स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकते हैं. फिर ट्रस्ट द्वारा मेल के द्वारा जिला फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर को सूचना दी गई.
जिला फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर ने कहा कि ये लोग जो काम कर रहे हैं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. ये अवैध तरीके से काम कर रहे हैं
प्रणय रॉय और फनीभूषण ने आगा बताया कि इसके बाद रविवार को जब फोस्टक ट्रेनिंग पार्टनर की टीम गांव में जागरूकता के लिए फील्ड पर निकली, तो ग्रामीणों ने जानकारी के अभाव में जिला फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर को फ़ोन कर कहा कि कुछ लोग फ़ूड सेफ्टी का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं, तो जिला फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर ने कहा कि ये लोग जो काम कर रहे हैं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. ये अवैध तरीके से काम कर रहे हैं .इसके बाद पी. टेक . ट्रस्ट के टीम ने कहा कि उनके दस्तावेज़ों की जाँच सरायकेला थाना में कर ली जाय.
पी .टेक.एजुकेशनल ट्रस्ट की टीम के फनीभूषण महतो का बयान
इसके उपरांत सरायकेला के थाना प्रभारी ने मामंले को समझा एवं दस्तावेज़ों के आधार पर सभी को छोड़ दिया, लेकिन कुछ असामाजिक तत्त्वों द्वारा ट्रस्ट के अधिकारियों से पैसे की मांग की. जब पैसा देने से इंकार किया गया, तो एक स्थानीय समाचार पत्र (प्रभात खबर) में गलत ढंग से खबर को प्रकाशित कर भ्रम फ़ैलाने और ट्रस्ट के लोगों को बदनाम करने की कोशिश की गई.
उक्त अख़बार में ट्रस्ट के अधिकारियों को आरोपी तक कह दिया गया !
उक्त अख़बार में ट्रस्ट के अधिकारियों को आरोपी तक कह दिया गया और यह भी लिखा गया, कि थाना प्रभारी ने कहा कि कागजात की जाँच चल रही है. इस पर संदेह यही है कि अनुसंधान होने पर आरोपी कैसे लिखा गया .ट्रस्ट का कहना है कि लोगों को गलत जानकारी देकर भड़काया गया है, जबकि सारे दस्तावेज़ और परमिशन लेटर ट्रस्ट के अधिकारियों के पास है .झूठे न्यूज़ चलाने को लेकर ट्रस्ट ने फोस्टक ने आगे की कार्यवाही के लिए भारत सरकार को लिखित कंप्लेंट किया है.
झारखंड :अब हाईवे से नहीं भाग सकेंगे अपराधी, इंटरसेप्टर के जरिए पुलिस लगाएगी पता
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!