सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल सुनील का ब्रेन डेड हो गया था
राजस्थान के सीकर जिले के एक युवक ने ऐसा काम कर दिया, जो दूसरों को प्रेरित करेगा. 24 साल का सुनील असमय ही दुनिया से विदा होकर चला गया, लेकिन वह आज भी जिंदा है. सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुये सुनील का ब्रेन डेड हो गया था.
अंग दान से चार लोगों को मिल गई नई जिंदगी
इस पर सुनील के परिजनों ने उसके हार्ट, लीवर और किडनी को दान कर दिया. सुनील के अंग दान से चार लोगों को नई जिंदगी मिल गई है. अब सुनील का दिल किसी और के शरीर में धड़केगा. उसकी किडनियां दो लोगों की जिंदगी को सींचेगी. सुनील के शरीर से ये अंग निकालने के बाद उसके शव को ससम्मान उसके परिजनों को सौंप दिया गया है. सुनील के परिजनों के इस कदम के बारे में जिस किसी ने भी सुना वह उन्हें सराहे बिना नहीं रह सका.
सीकर जिले के दूजोद गांव का निवासी सुनील गत 16 फरवरी को सड़क हादसे में घायल हो गया था. गंभीर चोट आने के कारण सुनील को पहले सीकर के एसके अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां उसकी हालत में सुधार नहीं होने पर उसे जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल लाया गया.
परिजनों को ऑर्गन डोनेशन के लिए समझाया गया
एसएमएस अस्पताल में डॉक्टर्स के बेहतर प्रयासों के बावजूद सुनील ब्रेन डेड की स्थिति में चला गया. 19 फरवरी को सुनील का ब्रेन डेड होने के बाद न्यूरो सर्जरी यूनिट हेड डॉ. देवेंद्र पुरोहित और सोटो की टीम की ने उसके परिजनों को ऑर्गन डोनेशन के लिए समझाया गया. इस पर सुनील के परिजनों ने सहमति दे दी. उसके बाद चिकित्सकों ने अंग प्रत्यारोपण की कार्रवाई शुरू की.
अंगदान के बाद पुलिस कर्मचारियों ने सुनील को दिया गार्ड ऑफ ऑनर
सुनील की दोनों किडनियों को सवाई मानसिंह अस्पताल में दो जरुरतमंदों मरीजों को लगाया है. वहीं मैचिंग के बाद सुनील के हार्ट को इटर्नल हॉस्पिटल भेजा गया. जबकि लीवर ट्रांसप्लांट मणिपाल अस्पताल में मरीज को किया गया. सुनील के अंगों को सुरक्षित और जल्दी अस्पतालों में पहुंचाने के लिये ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. अंगदान के बाद पुलिस कर्मचारियों ने सुनील को गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
अंगदान का सिलसिला चल पड़ा है राज्य में
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में बीते वर्षों में अंगदान का सिलसिला काफी तेज हुआ है. ब्रेन डेड होने वाले मरीजों के परिजन भी अब अंगदान के प्रति काफी जागरुक हो गये हैं. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में पिछले कुछ समय से अंग प्रत्यारोपण की स्पीड बढ़ी है. इससे कई लोगों को नई जिंदगी मिल चुकी है.
Also read- World Day of Social Justice: सामाजिक न्याय में क्या होता है औपचारिक रोजगार का महत्व ?
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!