खसरा से मरनेवाले बच्चों की संख्या देश में हुई कुल मौतों के मुकाबले 60 प्रतिशत से अधिक है. नवंबर के अंतिम सप्ताह में ही गिरिडीह जिले में खसरा से दो बच्चों की मौत हुई है, वहीं पूरे राज्य में अब तक नौ बच्चों की मौत हो चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2022 में झारखंड खसरा से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य रहा है. इस साल पूरे देश में खसरा के कुल 230 मामले सामने आये हैं. इसमें से 120 मामले अकेले झारखंड में पाये गये हैं |
खसरा क्या है
खसरा वायरस संक्रमण से होता है. इसके लक्षणों में शरीर पर दाने निकलना, बुखार, खांसी, बहती हुई नाक, लाल आंखें और शरीर पर चकते का दिखना शामिल है. इसे ही अंग्रेज़ी में मीज़ल्स बोला जाता है. संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क के अलावा उसके मुंह और नाक से बहते द्रव के हवा के माध्यम से संपर्क में आने से यह फैलता है. यह बहुत संक्रामक है.खून की जांच के दौरान राज्य में 3000 से अधिक बच्चे पॉजिटिव पाये गये हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, पूरे देश में खसरा से इस साल कुल 14 बच्चों की मौत हुई है, जिसमें से नौ बच्चे झारखंड के ही हैं. झारखंड में संतालपरगना के गोड्डा, साहिबगंज, जामताड़ा, देवघर और गिरिडीह जिले में खसरा का प्रकोप सर्वाधिक है.
वहीं, धनबाद जिला भी खसरा के प्रकोप से प्रभावित है. खसरा से सबसे ज्यादा तीन बच्चों की मौत धनबाद जिले में हुई है. इनमें से दो बच्चे गोविंदपुर प्रखंड के और एक बच्चा झरिया प्रखंड का था. वहीं, जामताड़ा, साहिबगंज, गोड्डा और देवघर में एक-एक बच्चे की मौत हुई है. उधर, नवंबर के अंतिम सप्ताह के दौरान गिरिडीह के सदर प्रखंड में चैताडीह और कमार पल्ली गांव में कुल दो बच्चों की मौत हुई है |
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