रांची में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। राज्य की राजधानी में मरीजों की संख्या बढ़कर अब 56 के आंकड़े को पार कर रही है। सरकारी के साथ- साथ प्राइवेट लैब में भी आये सैंपल में 40 से 50 फीसद सैंपल पॉजिटिव आ रहे हैं। राज्य के ग्रामीण इलाकों में भी धीरे- धीरे डेंगू पैर पसार रहा है।
नगर निगम चला रहा है अभियान
नगर निगम इसे लेकर सतर्कता बरत रहा है, निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्ड क्षेत्र में 5973 घरों में जांच हुई इसमें 713 घरों में डेंगू और 1054 घरों में अन्य मच्छरों के लार्वा मिले हैं। पिछले एक महीने से इस बढ़ती बीमारी के खतरे को समझते हुए अभियान चलाया जा रहा है जिसमें हैरान करने वाले आंकड़े सामने आये हैं।
आंकड़े बढ़ा रेह हैं चिंता
जांच टीम ने 34 हजार 999 जगहों पर जलपात्र में जमे पानी की जांच की 674 जलपात्र में डेंगू के लार्वा पाये गये हैं। 1764 लार्वा प्रजनन स्थल को टीम द्वारा नष्ट किया गया। राजधानी रांची में जिन पांच वार्ड में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज मिलने हैं उनमें 16, 21, 22, 23 और 24 शामिल है। वार्ड 28 और 29 में परिवार के कई लोग डेंगू से पीड़ित हुए हैं। इन सभी का इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है। । निगम के करीब 24 सौ सफाईकर्मी 53 वार्डों में काम पर लगे हैं। कचरा उठाने में प्रयुक्त 322 छोटे वाहनों में से दस प्रतिशत हर दिन ब्रेक डाउन हैं। ऐसे में खतरा बढ़ रहा है।
सरकार अलर्ट नहीं है
राज्य में बढ़ते इस खतरे को लेकर आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव, गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा है कि राज्य में डेंगू एवं चिकनगुनिया के बढ़ते मामले को लेकर सरकार को अलर्ट रहना चाहिए। डेंगू और चिकनगुनिया का बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। जमशेदपुर और साहिबगंज में 378 और 110 मरीज मिले हैं। रांची में भी 56 मरीजों की संख्या चिंताजनक है।
ये हैं लक्षण :
– डेंगू एडीज मच्छरों के काटने से होता है। इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर पर लाल-लाल चकत्ते दिखायी देते है।
– इसमें 104 डिग्री तेज बुखार आता है और सिर में तेज दर्द होता है।
– शरीर के साथ जोड़ों में भी दर्द होता है। खाना पचाने में दिक्कत होती है।
– उल्टी होना, भूख कम लगना व ब्लड प्रेशर कम हो जाना इसके कुछ अन्य लक्षण हैं।
– इसके अलावा चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना और बॉडी में प्लेटलेट्स की कमी हो जाना खास लक्षण हैं।
– लीवर और सीने में फ्लूइड जमा हो जाता है।
कैसे पता करे की डेंगू हुआ है या नहीं
अगर ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर क पास जायें। डेंगू (dengue) की जाचं के लिए एनएस 1 टेस्ट किया जाता है जिसके आधार पर डॉक्टर तय करते हैं कि मरीज़ को डेंगू है या नहीं।
डेंगू से जुड़ी जरूरी जानकारी :
– डेंगू का मच्छर आम तौर पर दिन में काटता है।
– गर्मी और बारिश के मौसम में यह बीमारी तेजी से पनपती है। डेंगू के मच्छर हमेशा साफ़ पानी में पनपते हैं जैसे छत पर लगी पानी की टंकी, घड़ों और बाल्टियों में जमा पीने का पानी, कूलर का पानी, गमलों में भरा पानी।
डेंगू से बचने के आसान उपाय :
वैसे तो डेंगू (dengue) का इलाज चिकित्सकीय प्रक्रिया से डॉक्टरों के द्वारा किया जाता है लेकिन सावधानी के तौर पर आप भी कुछ तरीके अपना सकते हैं।
– रोगी को ज्यादा से ज्यादा तरल चीजें दीजिए ताकि उसके शरीर में पानी की कमी न हो। डेंगू में गिलोई के पत्ते काफी उपयोगी होते हैं।
– मरीज को पपीते के पत्ते पानी में पीस कर दिए जा सकते हैं। यह शरीर में प्लेटलेट्स (platelets) बढाने का काम करते हैं लेकिन देने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरुर लें।
– मरीज को डिस्प्रिन और एस्प्रिन की गोली कभी ना दें।
– बुखार कम करने के लिए पेरासिटामॉल की गोली दी जा सकती है।
– जितना हो सके नारियल पानी और जूस पिलायें।
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