जमशेदपुर में हार्ट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. चिंता की बात यह है कि ज्यादा मरीज 40 साल से कम उम्र के मिल रहे हैं. जमशेदपुर के दो बड़े हार्ट के अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों से यह बात सामने आयी है. जमशेदपुर में हार्ट अटैक के 10 केस में से 3 मरीज की उम्र 40 साल से कम की होती है और 10 में से 2 लोगों की मौत भी हो जा रही है. टीएमएच में हाल ही में 20 साल के भी हार्ट अटैक के मामले आये हैं.
महिलाओं को भी होने लगी दिल की बीमारी
यही हाल तामोलिया स्थित ब्रह्मानंद अस्पताल का भी है, जहां कई युवा मरीज आ रहे हैं. चिकित्सकों के मुताबिक, पहले महिलाओं की संख्या कम होती थी, लेकिन अब हार्ट अटैक या हार्ट डिजीज से संबंधित बीमारियां महिलाओं में भी काफी देखी जा रही है. 10 में से तीन मरीज महिलाएं होती हैं.
टीएमएच में हार्ट से संबंधित बीमारी वाले सबसे अधिक युवा
टीएमएच के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ मंदार शाह ने बताया कि टीएमएच में हार्ट मरीजों की संख्या बढ़ रही है. 20 साल के भी युवा पहुंच रहे हैं. हाल के दिनों में लोगों ने फल और सब्जियां खाना कम कर दिया है. पहले 50 साल के बाद की उम्र के हार्ट के मरीज आते थे, लेकिन अब तो 20 से 40 साल की उम्र के हार्ट अटैक के मामले ज्यादा आ रहे हैं.
ब्लॉकेज या अटैक को सह नहीं पाते युवा
डॉ शाह ने बताया कि 50 साल के बाद हार्ट अटैक या ब्लॉकेज को सहन करने लायक दिल हो जाता है, लेकिन युवा वर्ग जो 20 से 40 के बीच हैं, वे इसके लिए तैयार नहीं होते. यही वजह है कि उन पर गंभीर असर होता है और बहुत जल्द उनकी मौत भी हो जाती है. इससे बचने के लिए लोगों को अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की जरूरत है.
महिलाओं और युवाओं के ऐसे केस आना खतरनाक
ब्रह्मानंद अस्पताल के हार्ट सर्जन डॉ परवेज आलम ने बताया कि हाल के दिनों में हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ी है. ब्लॉकेज या हार्ट अटैक की पहले उम्र सीमा 50 से 60 साल के बीच होती थी, लेकिन अब तो 40 साल से कम उम्र के मरीज आ रहे हैं. महिलाओं की संख्या भी अधिक है. दस मरीज में से तीन मरीज महिलाएं है, जो पहले नहीं के बराबर होती थी. युवाओं की बात की जाये तो 10 में से दो युवा जरूर आ रहे हैं. ज्यादातर मामले लाइफस्टाइल से जुड़े हुए हैं. युवाओं को वाकिंग, बेहतर खान पान और व्यवस्थित दिनचर्या पर जोर देना चाहिए.
भारत में 6.2 करोड़ लोगों को हुई दिल की बीमारी
अमेरिका के एक रिसर्च जनरल में छपी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015 तक भारत में 6.2 करोड़ लोगों को दिल से जुड़ी बीमारी हुई. इसमें 2.3 करोड़ लोग ऐसे थे, जिनकी उम्र 40 साल से कम है.
इन वजहों से होती है दिल की बीमारी
- खान पान ठीक नहीं होना
- लाइफस्टाइल में बदलाव
- युवा वर्ग नाश्ता किये बगैर कहीं भी चले जाते है, फिर दोपहर में खाना-पीना नहीं होता है और फिर सीधे देर रात को खाते हैं. इस बीच जो मिला, वह खा लिया, जिससे हार्ट ब्लॉकेज और हार्ट अटैक ज्यादा हो रही है.
- प्रदूषण का स्तर ज्यादा होना
- शारीरिक एक्सरसाइज का कम होना
- तनाव अधिक होना
- अत्यधिक धूम्रपान और नशापान
बचाव के क्या हैं उपाय
- शारीरिक गतिविधियां ज्यादा रखें. 40 से 45 मिनट में तीन किलोमीटर जरूर चलें ताकि शरीर सक्रिय रहे.
- धूम्रपान करते हैं, तो कम कर दें.
- युवा नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना समय पर खाकर बेहतर तरीके से नींद लें.
- एक्सरसाइज को जारी रखने की जरूरत है.
दिल का दौरा पड़े, तो क्या करें
- सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बेचैनी या बाहों में दर्द होने पर चेतावनी के संकेत पर तत्काल जांच कराएं.
- गाड़ी न चलायें, किसी को आसपास से बुलायें और फौरन अस्पताल पहुंचे, ताकि दिल में खून के प्रवाह को दुरुस्त किया जाये और मांसपेशियों के नुकसान को कम किया जा सके.
- सीपीआर की व्यवस्था की जाये
- ब्लड क्लॉट रोकने के लिए एस्प्रिन लिया जा सकता है. सीने में दर्द को रोकने के लिए पेन किलर लेकर चिकित्सकों से सलाह लिया जा सकता है.
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