
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त के निर्देशानुसार उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में हुई डेंगू टास्क फोर्स की बैठक
डेंगू रोकथाम को लेकर प्रतिक्रियात्मक नहीं बल्कि सक्रिय रूख अपनाने, व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार समाहरणालय सभागार में डेंगू की रोकथाम, नियंत्रण एवं बचाव के लिए डेंगू टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने की। बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी (धालभूम) शताब्दी मजूमदार, एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. जुझार माझी, एसीएमओ डॉ. जोगेश्वर प्रसाद, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. ए. मित्रा, जेएनएसी के उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पंचानन उरांव, एमओआईसी समेत निजी अस्पताल, कंपनी, जुस्को तथा अन्य स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
विस्तृत चर्चा
जिले में बरसात के दिनों में डेंगू का प्रसार नहीं हो इसके लिए क्या-क्या एहतियाती कदम उठाये जाएं, इस पर विस्तृत चर्चा की गई । तथा सभी संबंधित विभागों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित कर एक प्रोएक्टिव अप्रोच अपनाने पर बल दिया गया। उप विकास आयुक्त ने निर्देशित किया कि विभिन्न विभागों की भूमिकाओं एवं जिम्मेदारियों को स्पष्ट करते हुए एक विस्तृत कार्य-कालेंडर तैयार किया जाए, जिससे सभी कार्य समयबद्ध एवं लक्षित ढंग से पूर्ण हो सकें। सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों से रोजाना रिपोर्टिंग अनिवार्य रूप से प्राप्त किए जाएं।
डेंगू का एक भी मामला गंभीरता से लिया जाए
डीडीसी ने कहा कि डेंगू का एक भी मामला गंभीरता से लिया जाए और उसके आधार पर संभावित आउटब्रेक को रोकने हेतु विशेष निगरानी और उपाय अपनाए जाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्कूलों के छात्र-छात्राओं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए जन-जागरूकता लायें, नुक्कड़ नाटक व पोस्टर अभियान जैसे माध्यमों से लोगों को डेंगू से बचाव हेतु शिक्षित किया जाए।
..ताकि जमीनी स्तर पर लोगों में जागरूकता बढ़े
अनुमंडल पदाधिकारी (धालभूम) ने कहा कि इस अभियान को केवल एक सरकारी औपचारिकता के रूप में न लेकर जन-सहभागिता के रूप में क्रियान्वित किया जाए। अभियान को डिसेंट्रलाइज तरीके से प्रत्येक घर, स्कूल, वार्ड, मोहल्ला एवं गली तक पहुँचाया जाए, ताकि जमीनी स्तर पर लोगों में जागरूकता बढ़े और वे स्वयं भी डेंगू रोकथाम के उपायों में भागीदार बनें। उन्होंने पूर्व में चिन्हित हॉटस्पॉट क्षेत्रों में अभी से ही टास्क फोर्स गठित कर, लक्षित रूप से जागरूकता व सफाई अभियान चलाने, विशेष रूप से निर्माणाधीन भवनों में पानी का ठहराव डेंगू के लार्वा पनपने का मुख्य स्रोत बनता है, ऐसे स्थानों पर नियमित जांच, निगरानी और एंटी लार्वल ट्रीटमेंट सुनिश्चित करने की बात कही।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नगर निगम तथा अन्य शहरी निकाय नियमित रूप से फॉगिंग, एंटी लार्वल स्प्रे, नालों की सफाई तथा जलजमाव वाले क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें दूर करने का अभियान चलाएँगे। साथ ही आमजन को जागरूक करने हेतु विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जाएगा । जिला मलेरिया पदाधिकारी द्वारा डेंगू के लक्षण, परीक्षण की व्यवस्था, इलाज की प्रक्रिया एवं रोकथाम संबंधी उपायों की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि समय रहते कदम उठाए जाने से डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण संभव है। बैठक में मौजूद सभी प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव साझा किए और जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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