एमजीएम अस्पताल में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया समेत अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर दिन ओपीडी में औसतन 1200 मरीजों का इलाज हो रहा है। इनमें 40 प्रतिशत मरीज सिर्फ मेडिसिन विभाग के हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच एमजीएम के मेडिसिन विभाग में डॉक्टर कम पड़ रहे हैं। तीन सीनियर रेजिडेंट और चार जेआर के भरोसे फिलहाल यह विभाग चल रहा है, जबकि स्वीकृत पद 12 हैं। मेडिसन विभाग में दो जेआर के इस्तीफे के बाद डॉक्टरों की और कमी हो गई है। इस कारण मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने वाले चिकित्सकों की सेवा एमजीएम में लेने पर विचार हो रहा है।
अब तक डेंगू के 3024 संदिग्ध मरीज मिले
जिले में डेंगू की बात करें तो 31 अगस्त तक कुल 3024 संदिग्ध मिल चुके हैं, जिसमें 428 लोग पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। वर्तमान में 237 लोगों का इलाज शहर के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। इनमें 6 आईसीयू में भर्ती हैं और बाकी 231 सामान्य वार्ड में इलाजरत हैं। गुरुवार को 83 डेंगू मरीजों को शहर के विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है।
सबसे अधिक मरीज टीएमएच में हैं भर्ती
डेंगू के सर्वाधिक मरीज टीएमएच में भर्ती हैं। सदर और एमजीएम अस्पताल में डेंगू के 41 मरीज भर्ती हैं। अस्पतालों में अब मरीजों को बेड नहीं मिल रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि अभी डेंगू मरीजों की संख्या और बढ़ेगी। अक्तूबर के पहले सप्ताह से कमी आने की संभावना है। अधीक्षक डॉ. रवींद्र कुमार ने बताया कि डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था की गई है। अस्पताल में दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
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