
बदलते मौसम में बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही है। सुंदरनगर स्थित कस्तूरबा विद्यालय में एक साथ कई तरह की बीमारी फैलने की संभावना जताई गई है। इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन ने जिला स्वास्थ्य विभाग को दी थी। सिविल सर्जन डा. साहिर पाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए छह सदस्यीय टीम गठित किया था। बुधवार के ये टीम जांच करने पहुंची। जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डा. असद ने बताया कि स्कूल में 135 छात्राओं की जांच की गई।
इस दौरान लगभग 80 बच्चे सर्दी-खांसी, सिर दर्द, बदन दर्द से ग्रस्त मिलें। वहीं, नौ बच्चों में चेचक व डेंगू के लक्षण मिलने के बाद सभी का नमूना लिया गया और जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कालेज भेजा गया है। वहीं, कई छात्राओं में बुखार की शिकायत होने पर उनकी मलेरिया जांच भी की गई लेकिन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। टीम में मेडिकल आफिसर डा. समीर कुमार, महामारी रोग विशेषज्ञ डा. असद, टेक्नीशियन अरुण कुमार सहित अन्य शामिल थे। डा. असद ने बताया कि चेचक वेरियोला वायरस के संक्रमण के कारण होता है।
विद्यालयों में बीमारी फैलने की घटनाएं बढ़ी
हाल के दिनों में देखा जाए तो कस्तूरबा विद्यालयों में बीमारी फैलने की घटनाएं बढ़ी है। कुछ दिन पूर्व ही आदित्यपुर स्थित कस्तूरबा विद्यालय में कुष्ठ के मरीज मिले थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां पर विशेष शिविर लगाकर छात्राओं की जांच किया गया था।
चेचक एक अत्यधिक संक्रामक और संभावित रूप से गंभीर बीमारी है जो बुखार, लाल चकत्ते, खांसी और लाल पानी वाली आंखों का कारण बनती है। यह मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के बाद हवा के माध्यम से फैलता है। चेचक के लक्षण संक्रमण के सात से 21 दिन बाद शुरू होते हैं।
चेचक के लक्षण
– गंभीर थकान
– गंभीर पीठ दर्द
– उल्टी आना
– बुखार
– बेचैनी
– सिर दर्द

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