बच्चों को तम्बाकू के दुष्परिणामों से बचाना सरकार को प्राथमिकता – जगरनाथ महतो झारखण्ड को तम्बाकू मुक्त प्रदेश बनाने हेतु सरकार हर आवश्यक कदम उठाएगी-बन्ना गुप्ता बच्चों को तम्बाकू सेवन से बचाने हेतु शिक्षा विभाग ने कसी कमर शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त पहल से तंबाकू मुक्त बनेगा झारखण्ड तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान क्रियान्वयन निर्देशिका का हुआ विमोचन.
बच्चों को तम्बाकू उत्पाद बेचने पर होगा 1 लाख का जुर्माना और 7 साल की सजा
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग एवं सोशियो इकोनोमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलॉपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के संयुक्का तत्वावधान में दिनांक 24.08.2022 को आयोजित एक कार्यक्रम में माननीय शिक्षा मंत्री श्री जगरनाथ महती एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ला गुप्ता के कर कमलों द्वारा तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के दिशा-निर्देश के अनुपालन हेतु विकसित क्रियान्वयन निर्देशिका का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे :
कार्यक्रम में सर्वप्रथम श्री दीपक मिश्रा कार्यपालक निदेशक सीडस ने कार्यक्रम में उपस्थित माननीय मंत्री महोदया सहित सभी वरीय पदाधिकारीयों, अधिकारियों एवं दक्तानों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया की प्राय ऐसा देखा जाता है कि राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास तम्बाकू उत्पाद जैसे कि सिगरेट, बीडी पान मसाला, जर्दा एवं खैनी इत्यादि की बिक्री की जाती है। इससे कम आयु के युवाओं एवं छात्रों में धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन की व्यसन को बढ़ावा मिलता है।
अवयस्क और युवा वर्ग धन्याकू पर आधारित व्यापार एवं उद्योगों के निशाने पर होते हैं यह हमारे लिए एक गंभीर समस्या है
अत तबाकू सेवन के दुष्परिणाम के प्रति अवयस्क और युवा वर्ग में जागरूकता फैलाना बहुत आवश्यक है। श्री मिश्रा ने तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभाव को झारखण्ड राज्य के परिप्रेक्ष्य में रखकर उसके हानियों के बारे में तम्बाकू सेवन के आंकड़ों को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया साथ ही सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम कोटपा 2003 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम से सम्बंधित उठाये गए कदमों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।
सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड श्री राजेश कुमार शर्मा ने अपने संबोधन में कहा
तम्बाकू सेवन की आदत जनस्वास्थ्य के लिए एक बडी समस्या के रूप में वैश्विक स्तर पर उभर रहा है। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (2019 ) द्वारा सम्पूर्ण विश्व में युवाओं द्वारा तम्बाकू सेवन से संबंधित जो आकड़े संकलित किये गये है वह यह दर्शाता है कि भारत में 13-15 वर्ष के 8.5 प्रतिशत छात्रगण किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू का उपयोग कर रहे है वहीं झारखण्ड में यह 5.1 प्रतिशत है जो चिन्ता का विषय है।
उन्होंने बताया की
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार के मार्गदर्शन में द इंटरनेशनल यूनियन के तकनीकी सहयोग से राज्य स्वास्थ्य मिशन समिति झारखण्ड और सोशिओ इकोनॉनिक एण्ट एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) झारखण्ड द्वारा तम्बाकू मुक्ता शैक्षणिक संस्थान (TOFEI ) के दिशा निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन निर्देशिका विकसित किया गया है। आज के इस कार्यक्रम में माननीय मंत्री स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और माननीय मंत्री, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा इस क्रियान्वयन निर्देशिका का विमोचन किया जाना है।
माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि तंबाकू मुक्त आरखण्ड बनाना एक चुनौती है और सतत प्रयास से हम इस मुकाम को हासिल कर सकते हैं और हमें करना भी है। शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से लक्ष्य को हासिल करने में सुगमता होगी और स्वास्थ्य विभाग अपना सहयोग प्रदान करेगी ताकि झारखण्ड को तंबाकू मुक्त बनाने में हम कामयाब हो सकें।
तंबाकू नियंत्रण हेतु स्वास्थ्य विभाग ने
विगत वर्षों में कई कार्यक्रम तैयार किए और उसका सकारात्मक परिणाम भी मिला है। फलस्वरूप झारखण्ड में इसके सेवन की दर में हास हुआ है। आंकड़ों के अनुसार झारखण्ड में 2009-10 तक तबाकू सेवन की दर 50.1 प्रतिशत था जो घटकर अब 38:9 प्रतिशत हो गई है। लंबे समय से सीड्स संस्था स्वास्थ्य विभाग को अपना तकनीकी सहयोग प्रदान करती रही है फलस्वरूप संबाकू सेवन की दर घटती गयी
और लगभग 50.1 प्रतिशत से अब 38.8 प्रतिशत हो गयी । हमें इस दर को भी घटाना होगा और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग का संयुक्त प्रयास आवश्यक है। माननीय शिक्षा मंत्री श्री जगरनाथ महतो ने कहा कि शिक्षा विभाग तबाकू मुक्त झारखण्ड बनाने में सदैव तत्पर हैं और इस कार्य हेतु सीइस संस्था को अपेक्षित सहयोग प्रदान करते रहेंगे। श्री जगरनाथ महतो ने कहा शिक्षा और स्वास्थ्य में अन्योनाश्रय संबंध है और ये दोनो विभाग एक दूसरे के पूरक हैं।
उन्होंने आगे कहा कि
वे ऐसा मानते हैं कि जो शिक्षित होगा वही स्वास्थ्य की महत्ता समझेगा और जो स्वस्थ्य रहेगा वही शिक्षित हो सकता है। शिक्षा विभाग सीड्स के इस की सरहाना करती है। स्वास्थ्य विभाग एवं सीड्स की शिक्षा विभाग से जो अपेक्षा है शिक्षा विभाग उन अपेक्षाओं को निश्चित पूरा करेगा। क्योंकि शिक्षा विभाग लोक स्वास्थ्य के प्रति कृत संकल्पित है और हम अपनी जिम्मेदारी को अवश्य निभाएँगे।
अंत में श्री सुनील कुमार, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा सह नोडल पदाधिकारी तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम ने माननीय मंत्री, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, माननीय मंत्री स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, निदेशक, जे० ई०पी० सी०, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग एवं अन्य अधिकारीयों,
पदाधिकारीयों सीएस के पदाधिकारियों एवं मिडिया कर्मियों का धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे सचिद महोदय के सहमति से कार्यशाला के समापन की घोषणा की। कार्यक्रम में सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा सह नोडल पदाधिकारी, तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं सीड्स के कार्यपालक निदेशक के अलावे शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं मीडिया कर्मी उपस्थित हुए।
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