कोरोना से भी खतरनाक लेप्टोस्पायरोसिस ने वाराणसी में दस्तक दी है। यह बीमारी चूहों से होती है। बच्चों को ही निशाना बनाती है। अब तक 10 से अधिक बच्चे चपेट में आ चुके हैं। शहर के निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
तेज बुखार के कारण चेतगंज की बालिका को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने जांच कराई, लेकिन बीमारी पकड़ में नहीं आई। इसके बाद सी रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) जांच कराई गई। सीआरपी ज्यादा मिली तो डॉक्टर चिंतित दिखे। आशंका के आधार पर लेप्टोस्पायरोसिस की जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि लेप्टोस्पायरोसिस के बारे में जानकारी मिली है। बाल रोग विशेषज्ञों को अलर्ट किया गया है। इससे पहले 2013 में मामले सामने आए थे। मंडलीय अस्पताल के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में मरीज आ रहे हैं।
लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण के लक्षण
तीन चार दिन से ज्यादा है बुखार तो ना लें हल्के में
भारतीय बाल अकादमी के अध्यक्ष डॉ. आलोक भारद्वाज के मुताबिक, बुखार अगर तीन-चार दिन से ज्यादा है तो इसे हल्के में न लें। सीआरपी की जांच कराइए। अगर सीआरपी ज्यादा आए तो समझ लें बैक्टीरियल बुखार है। इसके बाद लेप्टोस्पायरोसिस की जांच करानी होगी। इसके लक्षण डेंगू और वायरल से मिलते हैं। इसमें प्लेटलेट्स तेजी से नहीं डाउन होता है। 30 से 40 हजार तक पहुंचने के बाद रिकवर हो जाता है।
चूहे के मूत्र के जरिये फैल रही बीमारी
कोरोना से ज्यादा खतरनाक है बैक्टीरिया
1980 में सबसे पहले चेन्नई में मिला था बैक्टीरिया
लेप्टोस्पायरोसिस बचने के लिए बरतें ये सावधानी
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