किसी भी पुरानी डिश की अपनी खासियत है |उसके आम और ख़ास होने के पीछे कई वजह होते हैं। वहीँ किसी भी डिश के वजूद में आने के पीछे कोई न कोई कहानी या वजह हो सकती है |आजकल लोग खाने में एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते हैं | कई बार एक्सपेरिमेंट में लज़ीज़ डिश तैयार हो जाती है| ये माना जा सकता है कि आजकल किचन मम्मीयों का फ़ूड एक्सपेरिमेंट लैब बन गया है | लेकिन आज हम जिस डिश की बात कर रहे हैं वो ज़रूर आपका भी फेवरेट होगा | हम बात करने वाले हैं ‘खिचड़ी’ की |
3000 साल का इतिहास, खिचड़ी है दुनिया भर में मशहूर
खिचड़ी खासकर इंडिया एंड सबकॉन्टिनेंट में ज़्यादा प्रचलित है। इसके ख़ास होने की वजह आसानी से तैयार हो जाना है | साथ ही कम से कम रॉ-फ़ूड का इस्तेमाल होता है। खिचड़ी अलग तरीके से बनता है और अलग नाम से भी जाना जाता है। हिंदुस्तान में इसका 3000 साल का इतिहास है। खासकर बिहार ,झहराखंड ,पंजाब ,तेलंगाना ,आंध्र प्रदेश ,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे शहरों में लोग कई तरह से खिचड़ी बनाकर खाते हैं। इन स्टेट के अलावा हिंदुस्तान से सटे देश या आस-पास के देश जैसे बांग्लादेश ,पाकिस्तान ,नेपाल ,भूटान और अफगानिस्तान,कज़ाकिस्तान ,ईरान और अरब देशों में भी ज़्यादा आम है | खिचड़ी का लोग रॉयल स्ट्रीट फ़ूड की तरह भी बिज़नस करते हैं। कईं 5 स्टार और 7 स्टार होटलों में भी खिचड़ी की काफी डिमांड है।
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क्या है ख़ास बात
पुराने ज़माने में जब लोग तिजारत (बिज़नेस ) के लिए अपने आस।-पास या किसी दूर दराज इलाकों का सफर किया करते थे, तब कभी कुछ नहीं होने पर दाल और चावल से ही खिचड़ी बनाकर साथ ले जाया करते थे | इससे समय की भी बाख होती थी | कई डाएटिशियन का मानना है कि खिचड़ी बहुत ही पावरफुल डिश है। खिचड़ी को एक पौष्टिक आहार माना जाता है | इसे डॉक्सटर मरीजों को भी रेकमेंड करते हैं | खिचड़ी खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है और पेट से जुडी बीमारियाँ भी कम होतीं है। पेट साफ़ करती है और जल्दी डाइजेस्ट भी हो जाता है।
कैसे बनता है और लोग किस नाम से पुकारते हैं
वैसे खिचड़ी को सिर्फ और सिर्फ दाल ,चावल ,नमक और पानी से भी फटाफट तैयार किया जा सकता है। लेकिन अगर चाहें तो आप काफी रॉयल तरीके से इस ज़ायका का मज़ा ले सकते हैं। पुराने ज़माने में शाही परिवार सोना और चांदी भी अपने खिचड़ी में इस्तेमाल करते थे। कुछ लोग इसे नॉन-वेज की तरह भी बनाकर खाते हैं जिसे खिचड़ा कहा जाता है। खिचड़ा खासकर हैदराबाद और दिल्ली में जगह-जगह आसानी से आपको खाने को मिल जाता है। मुंबई में खिचड़ा थोड़ा हलीम की तरह ही लगभग दिखता है। वेज-खिचड़ा भी आप बना सकते हैं | जैसे की आम दाल-चावल नमक पानी के अलावा आलू-मटर, कोबी, बीन्स और भी अलग अलग सब्जियों को मिलाकर तैयार किया जाता है। इस तरह की खिचड़ी वेज-पुलाव की तरह दिखती है | लोग इसे स्पाइसी और चटपटा भी बनाते हैं |
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खिचड़ी के ज़ायके में ऐसे लगाये चार चाँद
अगर आप अपनी खिचड़ी को और भी ज़ायकेदार बनाना चाहते हैं तो खिचड़ी के ऊपर हल्का घी स्प्रेड करके खाएं | ये प्रचलन नार्थ इंडिया और सबकॉन्टिनेंट में ज़्यादा आम है। लेकिन इस तरह से अब लोग हर जगह खाने लग गये हैं | खिचड़ी के साथ अगर अचार और पापड़ मिल जाये तो मानो पूरा फ़ूड सटिस्फैक्शन आपको मिल जाये। खिचड़ी के साथ पोस्धतो की चटनी, धनिया पत्ता या फिर नारियल की चटनी के साथ खाए तो आपकी जुबान खिचड़ी का स्वाद कभी नहीं भूलेगी | इसे डेकोरेटिव भी बना सकते हैं |दुनिया में 50 % से ज़्यादा लोग खिचड़ी को हफ्ते में 2 से 3 दिन अपने मेनू में शामिल करते हैं। हलाकि डॉक्टर भी खिचड़ी खाने पर ज़्यादा ज़ोर देते हैं खासकर जब आप बीमार होते हैं।
918 किलोग्राम की खिचड़ी, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया
सरकार दुनिया भर में एक स्वस्थ, स्वादिष्ट और आसान भारतीय सुपरफूड के रूप में किचड़ी को बढ़ावा देने की भी योजना बना रही है। इंडिया गेट लॉन, नई दिल्ली ने 918 किलोग्राम की खिचड़ी के सबसे बड़े बैच के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस खिचड़ी को बनाने और तैयार करने के लिए प्रख्यात हस्तियां भी शामिल थीं।
खिचड़ी को ‘क्वीन ऑफ़ ऑल फ़ूड’, है नेशनल फ़ूड भी
2017 में, भारतीय मीडिया ने अनौपचारिक रूप से इसे “राष्ट्रीय व्यंजन” के रूप में नामित किया | भारत सरकार द्वारा खिचड़ी को ‘क्वीन ऑफ़ ऑल फ़ूड’ के रूप में विश्व स्तर पर प्रचारित किया जा रहा है। काई बार हम यह नहीं समझ पाते हैं कि यह बैलेंस्ड फ़ूड कैसे और क्यूँ है | सबसे पहले, यह अपने आप में एक संतुलित भोजन है, जिसमें क्रमश चावल और दाल में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होता है।
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