ये है पूरा मामला
ये मामला तमिलनाडु के मदुरै का है। यहां मद्रास हाईकोर्ट की बेंच ने एक सरकारी कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। याचिका स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारी ने लगाई थी।
इन कर्मचारियों को ऑफिस के काम के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए पाया गया था। इसके बाद इन कर्मचारियों को विभाग ने निलंबित कर दिया था। इसके खिलाफ उन्होंने कोर्ट में याचिका लगाते हुए मांग की थी कि उनका निलंबन आदेश रद्द कर दिया जाए।
क्या बोले जज?
इन कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायाधीश एसएम सुब्रमण्यम ने मामले के विस्तार में जाने से ही इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऑफिस में ये बात इन दिनों काफी आम हो गई है। सरकारी कर्मचारी दफ्तर के काम के दौरान निजी काम के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। यह अच्छा चलन नहीं है। कम से कम सरकारी कर्मचारियों को इसकी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका लगाने वाली महिला कर्मचारी को राहत देने से भी इंकार कर दिया।
चार हफ्ते में तैयार हो नियम-कायदे
इसके साथ जज एसएम सुब्रमण्यम (Justice SM Subramaniam) ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि, वो इस संबंध में चार हफ्ते यानी एक महीने के अंदर नियम-कायदे तैयार करे।इसके बाद कोर्ट के सामने इसकी विस्तार के साथ रिपोर्ट भी पेश करे। इसके बाद ही मामले की अगली सुनवाई की जाएगी।
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