UP में एक्सप्रेस वे परियोजनाएं सिसायत के साथ इतनी करीब से जुड़ी हुई हैं कि वे लगातार तीन शासनों के लिए प्रमुख उपलब्धि तो रहीं। लेकिन दो के लिए चुनावी नतीजे ऐसे उलट आए कि सत्ता से दूरी बन गई।
पश्चिमी UP में किसान आंदोलन की छाप
पश्चिमी उत्तर प्रदेश जहां किसान आंदोलन के बाद लोगों में भाजपा के खिलाफ असंतोष होने की वजह सामने आ रही है।
ऐसा बताया जा रहा है कि इस बार किसान अंदोलन के चलते भाजपा को कुछ सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। यहां भाजपा की चिंता समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन को लेकर भी है क्योंकि इससे पश्चिमी यूपी की 136 सीटों के समीकरण के प्रभावित होने की संभावना है।
यहां जाट और मुस्लिम समुदाय का क्षेत्र में खासा असर है |ये दोनों मिलकर क्षेत्र की लगभग 55 सीटों पर असर डालते हैं।
कमजोर सीटों पर भाजपा की नज़र
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में कुल 136 विधानसभा सीट हैं। भाजपा ने 2017 के चुनाव में 109 सीटें जीती थीं। जबकि 27 सीटों पर हार हुई थी। भाजपा जहां एक तरफ अपने जीतने वाले सीटों पर पकड़ बनाए रखना चाहती हैं वहीं कमजोर सीटों पर भी नजर गड़ाए हुए है।
भाजपा मैदान में
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के जरिए भाजपा समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन के साथ-साथ राकेश टिकैत के नेतृत्व वाली भारतीय किसान यूनियन से मुकाबला करने के लिए मैदान में उतर चुकी है।
स्वास्थ और पोषण के मुद्दे UP में बहुत कुछ बाकी
भाजपा नेता मानते हैं कि स्वास्थ्य और पोषण जैसे सामाजिक मुद्दे को लेकर देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले यूपी को अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है लेकिन एक्सप्रेस वे और सड़कों को लेकर यह दूसरे राज्यों को कड़ी टक्कर दे रहा है। यही बात चुनाव में हमें दूसरी पार्टियों से आगे लेकर जाएगी, क्योंकि सड़कों के रास्ते राज्य की तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
क्या एक्सप्रेसवे बनेगा चुनाव का मुद्दा?
गंगा एक्सप्रेस वे से पहले पीएम मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर चुके हैं। चुनाव से ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी जिस तरह एक के बाद एक एक्सप्रेस वे का उद्घाटन कर रहे है उससे राजनीतिक जानकारों को यह लगता है कि ‘सत्ता के लिए एक्सप्रेस वे राजनीति’ उत्तर प्रदेश के चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बन रहा है। कहा जा रहा है कि भाजपा इन परियोजनाओं को चुनावों में ‘सफलता के एक्सप्रेस वे’ रूप में देख रही है।
क्या विकास के मॉ़डल की धारणा काम आयेगी?
पश्चिमी यूपी में पार्टी के कार्यक्रम की देखरेख करने वाले राज्य भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि चुनावी लड़ाई ‘कहानी और धारणा’ पर टिकी हुई है, और पार्टी अपनी परियोजनाओं और योजनाओं को लोगों के बीच प्रचारित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
एक्सप्रेस वे बनने से निश्चित हि यह धारणा मजबूत होती है कि भाजपा का विकास मॉड़ल बेहतर है । उनका कहना है चाहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश हो या पूर्वांचल भाजपा पहले से अधिक मार्जिन से जीतने का लक्ष्य रखा है।
Article by- Nishat Khatoon
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