सभी धर्मों की स्त्रियां दुपट्टा या साड़ी के पल्लू से अपना सिर ढंककर रखती हैं। सिर ढंककर रखना सम्मान सूचक भी माना जाता है। इसके वैज्ञानिक कारण भी है। सिर मनुष्य के अंगों में सबसे संवेदनशील स्थान होता है।
भारत के पंजाब क्षेत्र में सिक्ख परिवारों में दस्तार पहनने का चलन है l यह पगड़ी के अंतर्गत आता है l भारत के पंजाब क्षेत्र में 15वीं शताब्दी से दस्तार पहनना शुरू हुआ l इसे सिक्ख पुरुष पहनते हैं, खासकर नारंगी रंग लोगों को बहुत भाता है l सिक्ख अपने सिर के बालों को नहीं कटवाते l और रोजाना अपने बाल झाड़ कर इसमें बांध लेते हैं l
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टागलमस्ट
कुछ नकाब तो कुछ पगड़ी की तरह नजर आने वाला “टागलमस्ट” एक तरह का कॉटन स्कार्फ है l 15 मीटर लंबे इस टागलमस्ट को पश्चिमी अफ्रीका में पुरुष पहनते हैं l यह सिर से होते हुए चेहरे पर नाक तक के हिस्से को ढाक देता है l रेगिस्तान में धूल के थपेड़ों से बचने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है l सिर पर पहने जाने वाले इस कपड़े को केवल वयस्क पुरुष ही पहनते हैं l नीले रंग का टागलमस्ट चलन में रहता है l
चादर
अर्धगोलाकार आकार की यह चादर सामने से खुली होता है l इसमें बांह के लिए जगह और बटन जैसी कोई चीज नहीं होती l यह ऊपर से नीचे तक सब जगह से बंद रहती है और सिर्फ महिला का चेहरा दिखता है l फारसी में इसे टेंट कहते हैं l यह महिलाओं के रोजाना के कपड़ों का हिस्सा है l इसे ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, सीरिया आदि देशों में महिलाएं पहनती हैं l
माइटर
रोमन कैथोलिक चर्च में पादरी की औपचारिक ड्रेस का हिस्सा होती है माइटर l 11 शताब्दी के दौरान, दोनों सिरे से उठा हुआ माइटर काफी लंबा होता था l इसके दोनों छोर एक रिबन के जरिए जुड़े होते थे और बीच का हिस्सा ऊंचा न होकर एकदम सपाट होता था l दोनों उठे हुए हिस्से बाइबिल के पुराने और नए टेस्टामेंट का संकेत देते हैं l
बिरेट
13वीं शताब्दी के दौरान नीदरलैंड्स, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस में रोमन कैथोलिक पादरी बिरेट को सिर पर धारण करते थे l इस के चार कोने होते हैं l लेकिन कई देशों में सिर्फ तीन कोनों वाला बिरेट इस्तेमाल में लाया जाता था l 19 शताब्दी तक बिरेट को इग्लैंड और अन्य इलाकों में महिला बैरिस्टरों के पहनने लायक समझा जाने लगा l
शट्राइमल
वेलवेट की बनी इस टोपी को यहूदी समाज के लोग पहनते थे. इसे शट्राइमल कहा जाता है l शादीशुदा पुरुष छुट्टी के दिन या त्योहारों पर इस तरह की टोपी को पहनते हैं l आकार में बढ़ी यह शट्राइमल आम लोगों की आंखों से बच नहीं पाती l दक्षिणपू्र्वी यूरोप में रहने वाले हेसिडिक समुदाय ने इस परंपरा को शुरू किया था l लेकिन होलोकॉस्ट के बाद यूरोप की यह परंपरा खत्म हो गई l
हिजाब
पश्चिमी देशों में हिजाब के मसले पर लंबे समय से बहस छिड़ी हुई है l सवाल है कि हिजाब को धर्म से जोड़ा जाए या इसे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार का हिस्सा माना जाए l सिर ढकने के लिए काफी महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं l तस्वीर में नजर आ रही तुर्की की महिला ने हिजाब पहना हुआ है l वहीं अरब मुल्कों में इसे अलग ढंग से पहना जाता है l
शाइटल
अति रुढ़िवादी माना जाने वाला हेसिडिक यहूदी समुदाय विवाहित महिलाओं के लिए कड़े नियम बनाता है l न्यूयॉर्क में रह रहे इस समुदाय की महिलाओं के लिए बाल मुंडवा कर विग पहनना अनिवार्य है l जिस विग को ये महिलाएं पहनती हैं उसे शाइटल कहा जाता है l साल 2004 में शाइटल पर एक विवाद भी हुआ था l ऐसा कहा गया था जिन बालों का शाइटल बनाने में इस्तेमाल किया जाता है उसे एक हिंदू मंदिर से खरीदा गया था l
पहली कड़ी यहाँ पढ़े : हिजाब विवाद के वजह पर कहीं शिक्षा से दूर ना हो जाए मुस्लिम लड़कियां ?