भारत में ओमीक्रॉन ला सकता है थर्ड वेव
वहीं डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘लोकल सर्किल’ द्वारा किए गए सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि भारत में केवल 2 फीसदी लोग ही मास्क पहनना ज़रूरी समझते हैं।
364 जिलों के सर्वे के मुताबिक़
अप्रैल में भारत के 364 जिलों में किए गए इस सर्वे के मुताबित सिर्फ 29% लोगों ने मास्क पहनना और covid के नियम को ज़रूरी माना | वहीं मास्क पहनने की दर सितंबर में गिरकर 12 % हो गई और फिर दोबारा तेजी से गिरकर नवंबर में केवल दो प्रतिशत ही रह गई है। ये आंकड़े बहुत चिंताजनक है |
झारखंड राज्य में मास्क पहनने को लेकर जागरूकता जरूरी
झारखंड राज्य सरकार और जिला प्रशासन ओमीक्रॉन वैरिएंट को देखते हुए मास्क पहनने को लेकर जागरूकता फैलाये | covid के नियमों को कड़ाई से पालन कराया जाना चाहिए एवं जरूरी कदम भी उठाए जाएं.
क्या ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का मास्क से परहेज़ करना कोरोना को बढ़ावा देना तो नहीं ?
यह चिंता की बात है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा काफी ख़राब है | अक्सर छोटी छोटी बिमारियों का भी सही से इलाज नही हो पाता | वहीँ covid जैसी बड़ी आपदा से निपटने के लिए ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से सक्षम नही है |
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लोग सामाजिक दूरी और मास्क पहनने जैसे प्रमुख स्वास्थ्य उपायों एवं नियमों को अपनाने में बहुत धीमे हैं, फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ ही लोग मास्क पहनना ज़रूरी समझते हैं।
मास्क न पहनने के लिए कैसे-कैसे बहाने बनाते हैं लोग
बार-बार लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील के बावजूद लोग ना तो मास्क पहन रहे है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान दे रहे हैं। दरअसल, डिजिटल प्लार्त्फोर्म द्वारा सर्वे यह बताता है की लोग मास्क क्यों नहीं पहन रहे हैं।
लोग मास्क न पहनने का कारण ये बताते है कि मास्क पहनने से उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है | उन्होंने दूसरा मास्क नहीं पहनते के पीछे असहज लगना हैं। वहीं तीसरा कारण है कि जब तक वे सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हैं, तब तक उन्हें पहनने की जरूरत नहीं है। इसलिए वो मास्क नहीं पहनते है |
लोगों के ढीले रवैये पर क्या कहना है स्वास्थ मंत्रालय का ?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों के एक गलत धारणा के बारे में यह बताया कि उनका मानना है कि मास्क कोविड-19 को रोकने में मदद नहीं करता हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन न करने पर महामारी की संभावित तीसरी लहर की चेतावनी दी है | साथ ही ये भी बताया कि जब हम तीसरी लहर की बात करते हैं तो ऐसा लगता है कि लोग इसे मौसम के अपडेट के तौर पर ले रहे हैं।
Article by- Nishat Khatoon
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