- कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने पुरे विश्व को चिंतित कर दिया है | वहीं भारत भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश में है कि इस महामारी में लोगों को कैसे बचाया जाये, खासकर omicron को लेकर | तीसरी लहर का प्रकोप हावी न हो, इस बात का ख़ास ख्याल रखा जा रहा है |
पीएम मोदी के निर्देशानुसार Child Covid-19 vaccination के तहत 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लग्न अनिवार्य है | इस पहले को लेकर देश भर में और तमाम राज्यों में भी इन्तेजाम किये जा रहे हैं | आज वैक्कसीनेसन का पहला दिन था जिसमे देशभर में कई जगहों पे बच्चों को वैक्सीन लगाया जा चुका है |
15-18 साल किशोर-किशोरियों के लिए टीकाकरण अभियान
देश में सोमवार से 15-18 साल किशोर-किशोरियों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। इस अभियान में अभिबावक अपने बच्चों को टीकाकरण केंद्र लेकर पहुंचे | कोविन पोर्टल के डाटा के अनुसार अब तक सात लाख से अधिक किशोर-किशोरियों ने रजिस्ट्रेशन किया है। कोविन पोर्टल के अनुसार, शाम 8 बजे तक 15-17 आयु वर्ग के 40,02,782 बच्चों को टीका लगाया जा चुका है।
मध्य प्रदेश में बच्चों को लगाये गये सबसे ज्यादा टीके
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन एकमात्र कोविड-19 वैक्सीन है जो 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों को दी जा रही है। अबतक कोविन पर 50,28,739 बच्चों ने वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। मध्य प्रदेश में आज करीब 7.5 लाख युवाओं को पहले दिन वैक्सीन लगाई गई।
अबतक 40 लाख से ज़्यादा बच्चों को लग चुकी वैक्सीन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के अनुसार आज शाम 8 बजे तक 40 लाख से अधियक बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है। वहीँ 20 जनवरी तक इस आयु वर्ग के सभी 48 लाख युवाओं के टीकाकरण के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है |
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गुजरात,कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और राजस्थान भी बच्चों की वैक्सीन में रहे आगे
मध्य प्रदेश के बाद, गुजरात ने 15-17 आयु वर्ग के लिए लगभग 5.5 लाख, कर्नाटक में लगभग चार लाख, आंध्र प्रदेश में 4.2 लाख और राजस्थान में लगभग 3.5 लाख युवाओं का टीकाकरण हुआ। वहीँ कुछ बड़े राज्यों में टीकाकरण अभियान परिणाम अपेक्षा से कम रही | इनमें उत्तर प्रदेश में 1.6 लाख ही वैक्सीन लग सके। उत्तर प्रदेश को वैक्सीनेशन बढ़ाने के निर्कोदेश दिए गये हैं |
बिहार में लगा 1.6 लाख वैक्सीन
वहीं बिहार में भी मात्र 1.6 लाख वैक्सीन ही लग पाए सके। इधर दिल्ली में भी इस आयु वर्ग में करीब 21,000 वैक्सीन लग सके जबकि यहां इस वर्ग के 10 लाख से अधिक युवा हैं। भारत के औषधि महानियंत्रक ने 24 दिसंबर को कुछ शर्तों के साथ 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए स्वदेशी रूप से विकसित भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी कोवैक्सिन टीके के आपात स्थिति में उपयोग की स्वीकृति दे दी थी।
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