साल 2018 में KGF Chapter 1 रिलीज़ हुई थी जिसने साउथ सिनेमा के साथ-साथ हिंदी दर्शकों ने भी पसंद किया l वहीं KGF chapter 2 भी रिलीज होने के लिए तैयार है l 14 अप्रैल 2022 को यह फिल्म सिनेमाघरों में लग जाएगी l फिल्म के ट्रेलर ने यूट्यूब पर तबाही मचा रखी है l वहीं सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं l इस फिल्म में साउथ एक्टर यश के अलावा संजय दत्त, रवीना टंडन और प्रकाश राज भी हैं l
फिल्म KGF का पूरा नाम क्या है?
केजीएफ का फुल फॉर्म है कोलार गोल्ड फील्ड्स (Kolar Gold Fields) l इस जगह का अपना एक इतिहास है जिस पर यह फिल्म बनाई गई है l
कोलार गोल्ड फील्ड्स की खदान कर्नाटक के दक्षिण कोलार जिले के मुख्यालय से 30 किमी की दूरी पर स्थित रोबटर्सनपेट तहसील के पास है l अंग्रेजों के समय यह खदान काफी मशहूर थी l एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1799 की श्रीरंगपट्टनम के युद्ध में मुगल शासक टीपू सुल्तान को अंग्रेजों ने मार गिराया था और उसकी कोलार की खदानों को अपने कब्जे में ले लिया था l
कोलार गोल्ड फील्ड्स का इतिहास
कुछ सालों बाद ब्रिटिश शासकों ने इस जमीन को मैसूर राज्य को दे दिया था लेकिन उन्होंने सोने की खदान वाला क्षेत्र कोलार अपने पास ही रखा था l इतिहासकारों के मुताबिक चोल साम्राज्य के लोग उस वक्त कोलार की जमीन में हाथ डालकर वहां से सोना निकाल लेते थे l जब इस बात का पता ब्रिटिश सरकार के लेफ्टिनेंट जॉन वॉरेन को चला तो उन्होंने गांव वालों को इनाम का लालच देकर सोना निकलवाया l इनाम की बात सुनकर ग्रामीण वॉरेन के पास मिट्टी भरकर एक बैलगाड़ी लेकर पहुंचे l
ग्रामीणों ने जब उस मिट्टी को पानी से धोया तो उसमें सोने के अंश दिखाई दिए l वॉरेन के यकीन नहीं हुआ तो उन्होंने मामले की जांच कराई l इसके बाद वॉरेन ने अपने टाइम पर 56 किलो के आसपास सोना निकलवाया था l कई सालों बाद जब ब्रिटिश सैनिक माइकल फिट्जगेराल्ड लेवेली ने साल 1871 में वॉरेन का एक लेख पढ़ा तो उनके मन में सोने को पाने का जुनून जाग गया l
लेवेली ने बैंगलोर में ही डेरा जमा लिया और वह बैलगाड़ी की मदद से कोलार खदान तक पहुंचे l उन्होंने वहां पर कई तरह की जांच की और सोने की खदान खोजने में सफल रहे l फिर लगभग 2 सालों बाद उन्होंने मैसूर के महाराज को पत्र लिखा जिसमें कोलार की खुदाई का लाइसेंस मांगा l आपको बता दें कि लेवेली ने कोलार में 20 सालों तक खुदाई करने का लाइंसेस मांगा था और फिर शुरू हुआ मौत का खेल l
भारत का पहला स्थान जहां बिजली पहुंची
खदान में खुदाई करते वक्त लेवेली को वहां पर बिजली की कमी महसूस हुई l उन्होने केजीएफ में बिजली की आपूर्ति के लिए 130 किलोमीटर दूरी पर कावेरी बिजली केंद्र बनाया l इसलिए कोलार गोल्ड फील्ड्स को भारत का पहला बिजली पाने वाला शहर कहा जाता है l बिजली आने के बाद खदान में खुदाई का काम और भी तेजी से होने लगा l
साल 1902 आने तक केजीएफ से कम से कम 95 फीसदी सोना निकला जा चुका था l वहीं 19वीं सदी में भारत सोने की खुदाई में दुनिया का छठा देश बन गया था l वहीं अंग्रेजों को केजीएफ इतना भा गया कि उन्होंने वहां पर घर बनाना शुरू कर दिया l
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने केजीएफ के पास तालाब का निर्माण करवाया l
अंग्रेजों के लिए केजीएफ था छोटा इंग्लैंड
तालाब से पानी को केजीएफ तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइन का सहारा लिया गया l आगे चलकर यही तलाबा पर्यटन स्थल बन गया l अंग्रेजों ने केजीएफ को छोटा इंग्लैंड कहना शुरू कर दिया था l वहीं दूसरी तरफ सोने की खदान में काम करने के लिए मजूदर लगातार आते जा रहे थे l साल 1930 तक केजीएफ में लगभग 30 हजार मजदूर काम करने लगे थे l
121 सालों में निकला 900 टन सोना
जब 1947 को भारत आजाद हुआ तो भारत सरकार ने सभी खदानों पर अपना कब्जा कर लिया l भारत सरकार ने साल 1970 में भारत गोल्ड माइन्स को केजीएफ सौंप दिया l कंपनी ने काम करना शुरू किया लेकिन 1979 तक कंपनी घाटे में चली गई और उनके पास मजदूरों को सैलरी तक देने के पैसे नहीं बचे l इसके बाद साल 2001 में भारत गोल्ड माइन्स लिमिटेड कंपनी ने केजीएफ में सोने की खुदाई करनी बंद कर दी l वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, 121 सालों तक इस खान से 900 टन से ज्यादा सोना निकाला जा चुका है l
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