झारखंड में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की समस्या एक गंभीर समस्या है l हर साल हजारों बच्चे और लड़कियां मानव तस्करी की शिकार हो रही हैं l मानव तस्करों द्वारा बच्चे, युवतियों एवं महिलाओं को अपने चंगुल में फंसाकर महानगरों में महिलाओं को ले जाकर बेचा जा रहा है l ट्रैफिकिंग के इस सिंडिकेट खेल में कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग शामिल हैं l सरकार की रिपोर्ट की मानें, तो पिछले पांच वर्षों में राज्यभर में कुल 539 मामले सामने आये है l इसमें पलामू जिला अत्यंत प्रभावित है l
पलामू जिला का मनातू प्रखंड इस समस्या से ज्यादा प्रभावित है l मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो साल में इस गंभीर समस्या को रोकने के लिए कई नीतिगत फैसले लिये हैं l इसका असर यह हुआ है कि 2017 से 2019 की तुलना में 2020 और 2021 में ह्यूमन ट्रैफिकिंग मामले में कमी आयी है l
CM के पहल के बाद जागी उम्मीद
हेमंत सोरेन ने CM पद का शपथ लेने के 36वें दिन यानी 2 फरवरी 2020 को सभी जिलों के डीसी को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया l सीएम के पहल से बाहर फंसे कई लोगों ने मदद की गुहार लगायी l इसमें अधिकतर बच्चियां थी l अभी तक ऐसे कई पीड़ितों को सरकार ने घर वापसी कराया है l
2 वर्षों में घटे है ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले
आंकड़ों को देखे, तो राज्य में 2017 में 116, 2018 में 120, 2019 में 105 मामले ह्यूमन ट्रैफिकिंग के सामने आये थे l वहीं, हेमंत सरकार के दिसंबर 2019 के बाद जैसी पहल हुई, उससे 2020 में यह संख्या कुछ कम होते हुए 100 और 2021 में 98 हो गयी l वहीं, पलामू जिला में 2017 में 4, 2018 में 6, 2019 में 1, 2020 में 1 और 2021 में 2 मामले सामने आये थे l
ह्यूमन ट्रैफिकिंग रोकने की दिशा में झारखण्ड सरकार की लिये गये नीतिगत फैसले
- ह्यूमन ट्रैफिकिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की दिशा में सीएम ने बीते 24 अगस्त को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) के गठन को मंजूरी दी थी l यह यूनिट राज्य के लातेहार, साहिबगंज, गोड्डा और गिरिडीह में गठन किया जा रहा है l इसके पहले राजधानी रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, पलामू, चाईबासा तथा दुमका जिले में एएचटीयू थाने कार्यरत हैं l शेष 12 जिलों में इसे खोलने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है l
- प्रखंड स्तर पर अब मानव व्यापार निगरानी समिति गठित की जा रही है, जो एएचटीयू थानों के साथ मिलकर काम करेगी l
- राज्य के सभी एएचटीयू थानों के पुलिस पदाधिकारियों को समय समय पर सीआईडी, एनजीओ व न्यायिक अकादमी की ओर से कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है l
- एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थानों के सुदृढ़िकरण 15-15 लाख खर्च करने की अनुमति दी गयी है l ऐसे थानों में एक बेलोरो, दो स्कूटी, कम्प्यूटर, टैब, फर्नीचर आदि की व्यवस्था की जा रही है l इसे अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया जा रहा है l
- Jharkhand : पुलिस में एएसपी, सीनियर डीएसपी के कुल 77 पद, जिसमे 74 पद है खाली
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