ORS डायरिया अथवा डिहाइड्रेशन को रोकने में काम आने वाली यह दवा जीवनरक्षक दवा की श्रेणी में आती है। जनता के लाखों रुपए से खरीदी गई इस दवा के हजारों पैकेट स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से बर्बाद हो चुकी हैं। यह मामला है सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनबाद का। इस केंद्र को उपलब्ध करवाए गए ORS का वितरण आजतक नहीं किया गया। इसे केंद्र के जर्जर भवन में डंप कर दिया गया और अब यह बेकार हो चुका है।
ORS की कीमत 10-12रुपए है बाजार में एक पैकेट
स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो डायरिया नियंत्रण समेत अन्य कार्यक्रमों के तहत पिछले साल यह जीवन रक्षक दवा जिला को आपूर्ति की गई थी। जिला से सभी स्वास्थ्य केंद्रों को यह उपलब्ध कराया गया था। स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि इस ओआरएस के पैकेट का वितरण करवाया जाए। इसका वितरण एएनएम, सहिया आदि के माध्यम से किया जाना था। सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हजारों की संख्या में ओआरएस का पैकेट कैंपस के एक पुराने भवन में बंद कर दिया गया। यह पैकेट आज भी गंदगी और कचरे के बीच पड़ा है। बाजार में इस एक पैकेट की कीमत 10-12 रुपए है।
एक्सपायरी डेट मार्च 2022 अंकित
सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बर्बाद हो रहे इस ORS के पैकेट पर एक्सपायरी डेट मार्च 2022 अंकित है। यानी इस साल मार्च तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता था। सही रखरखाव नहीं होने के कारण अब इसका इस्तेमाल संभव नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार सारे ORS बर्बाद हो चुके हैं।
जमीन पर फेंक दिया पैकेट
ORS के कार्टन और पैकेट को जिस भवन में डंप किया गया है, वहां सीपेज होता रहता है। भवन का फर्श गीला है। यही ORS से भरा कार्टन और पैकेट फेंक दिया गया है। सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं की बर्बादी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इस केंद्र के कैंपस के अंदर की झाड़ियों में फेंका पड़ा ORS का पैकेट इसका प्रमाण है। यहां भी हजारों की संख्या में ORS फेंका गया है। इस जीवनरक्षक दवा को बर्बाद करने का सिलसिला साल दर साल चल रहा है। कचरे में फेंके गए पैकेट पर एक्सपायरी डेट वर्ष 2017 और 2018 की है।
डिस्पोजेबल डिलीवरी किट भी हो रही बर्बादी
इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जीवन रक्षक दवाओं के साथ-साथ डिस्पोजल डिलीवरी किट भी हजारों की संख्या में बर्बाद की गई है। इस केंद्र के गैरेज का एक रूम इन किट से भरा पड़ा है। सारी किट बर्बाद हो चुकी है। हर किट में 4 गौज स्वाब, एक वाइट ब्लीचड कॉटन, तीन कॉटन थ्रेड, एक ब्लेड, 20 ग्राम साबुन और एक पॉलिथीन सीट है। इसके अलावा किशोरियों के बीच वितरण के लिए आया सेनेटरी नैपकिन भी बड़ी संख्या में फेंक दिया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी ?
डॉ श्याम किशोर कांत, सिविल सर्जन, धनबाद बताते है की ORS वितरण करने का निर्देश दिया गया था। किसी भी स्थिति में ओआरएस बर्बाद नहीं होना चाहिए था । इस मामले की निश्चित जांच करवाई जाएगी। अगर यह लापरवाही है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी,और ध्यान रखा जाएगा कि दुबारा इस तरह की बरबादी नहीं हो l
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