कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिस रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी मची हुई थी, वह लोहरदगा सदर अस्पताल में पड़े-पड़े दम तोड़ चुकी है. जाहिर है रेमडेसिविर की एक्सपायरी डेट (remdesivir expiry date) खत्म होने के बाद उसे कचरे के ढेर में डाल दिया गया.
कचरे के ढेर में पड़ी रेमडेसिविर
लोहरदगा सदर अस्पताल में लाखों रुपए की ऐसी कई दवाएं अब एक्सपायरी डेट पार कर चुकी है और कचरे के ढेर में पड़ी हैं. सबसे दुखद तो यह कि जिस रेमडेसिविर के लिए कोरोना की दूसरी लहर में मारामारी मची थी, जिसकी ब्लैकमार्केटिंग की खबरें लगातार सामने आ रही थीं, जिसके लिए कोरोना संक्रमित और उनके परिजन लगातार परेशान रहे थे, वह इंजेक्शन लोहरदगा सदर अस्पताल के कबाड़ में पड़ी है. बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोहरदगा और उसके आसपास के इलाकों में भी संक्रमण का प्रकोप गहरा था. बेहतर इलाज, इंजेक्शन और आक्सीजन की कमी यहां भी बनी हुई थी.
एक्सपायरी दवाओं के साथ मिली अल्पराविन
अल्पराविन नाम की दवा भी यहां एक्सपायरी दवाओं के साथ मिली, लेकिन इस दवा के आने का अस्पताल में कोई रिकॉर्ड तक नही हैं. दरअसल इन दवाओं का वितरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में होना था, लेकिन वितरण न हो पाने के कारण ये पड़ी-पड़ी एक्सायर हो गईं. अस्पताल के कबाड़ रूम में पड़ी लाखों रुपए की इन दवा के बारे में जब स्टॉक रखने वाले कर्मचारी उमाकांत से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास जो भी एक्सपायरी दवा है, वह लिमिट के अंदर है.
क्या कहना है सिविल सर्जन का ?
इस बारे में सिविल सर्जन डॉक्टर संजय कुमार सुबोध से भी बात की गई. उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में एक्सपायरी दवाएं नहीं हैं, क्योंकि हाल में ही उन्होंने लोहरदगा सदर अस्पताल में अपना योगदान किया है. उन्होंने कहा कि बीच में उनकी तबीयत अच्छी नहीं थी, तो वे खुद का इलाज कराने के लिए बाहर गए हुए थे. इस वजह से भी उनके संज्ञान में दवाओं के बर्बाद होने और उन्हें फेंके जाने की जानकारी में नहीं है. हालांकि सिविल सर्जन संजय कुमार ने कहा कि ऐसी बात हुई है तो वह इस पूरे मामले की जांच अपने स्तर से जरूर जांच करेंगे और दोषियों पर करवाई करेंगे.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या प्रखंड क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी का होना भी इन दवाओं के एक्सपायरी डेट होने के की वजह माना जा सकता है। वही अब इतनी ज्यादा एक साथ दवाओं का एक्सपायरी मिलना सदर अस्पताल की कार्यशैली को साफ साफ दर्शा रही है, अब सवाल उठ रही है आखिर इतनी दावा कैसे बर्बाद की जा सकती हैं, इनका वितरण समय पर क्यों नहीं की गई।
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