माइक्रोसाफ्ट कम्पनी के मालिक बिल गेट्स का नाम आपके लिए अनजाना नाम नहीं है l न ही अनजाना नाम है उनकी पत्नी मेलिन्डा का l अमेजन कम्पनी का नाम तो आपको ज्ञात होगा l लेकिन हो सकता है कि उसके सर्वेसर्वा जेफ बेजोस के बारे में आपने न सुना हो l मकेंजी के बारे में सुनने की संभावना काफी कम है. मकेंजी जेफ बेजोस की पत्नी हैं l ये दोनों वैवाहिक जोड़ियां दुनिया के टॉप पाँच धनपतियों की जोड़ियों में से हैं l लेकिन इसके अतिरिक्त इन दोनों दंपत्तियों में एक अन्य बात समान है l वह यह कि पिछले दिनों इन दोनों दंपत्तियों का तलाक हो गया l और जाहिर है कि ये दोनों तलाक दुनिया के अब तक के सबसे महंगे तलाक रहे l
भारत में भी बढ़ रहे है मामले
हाल ही में दक्षिण भारत के सुपर स्टार रजनीकांत की बेटी ऐश्वर्या ने अपने एक्टर पति धनुष के साथ सत्रह साल गुजारने के बाद हमेशा-हमेशा के लिए अलग रहने का फैसला किया l आमिर खान अपनी दूसरी पत्नी किरण राव से अलग रह रहे हैं l और तो और, आईएएस की परीक्षा में पहले स्थान पर आई टीना डाबी ने उसी साल की इसी परीक्षा में दूसरे स्थान पर आये अतहर से शादी की l विवाह का बंधन इन दोनों को केवल ढाई साल ही बाँधे रख सका l
सेलीब्रिटी होने के बाद भी होती है तलाक
मैंने देश और दुनिया के अभी जितने नाम गिनाये हैं, ये सफल लोगों के नाम हैं. ये सेलीब्रिटिज हैं l इनके पास बेशुमार दौलत है l कोई भी लड़की इन लोगों से ब्याह रचाने से इंकार करने से पहले हजारों बार सोचेगी l लेकिन विवाह के बाद क्या? वही, जो लगभग-लगभग ज्यादातर औसत दंपत्तियों के साथ होता है l आपसी टकराव, तनाव, तू-तू मैं-मैं, जिनमें से कुछ तलाक में तब्दील हो जाते हैं l इस तलाक को न तो धन रोक पाती है, न ग्लेमर और न ही पावरफुल पद l
भारत की स्थिति दुनिया के मुकाबले सबसे कम
भारत इस बात के लिए शान से अपनी पीठ थपथपा सकता है कि उसके यहाँ तलाक की यह दर फिलहाल दुनिया में सबसे कम है l अमेरीका तथा विकसित देशों में जहाँ इसका प्रतिशत तीस तक है, भारत में यह मात्र 1.3 प्रतिशत है l यानी कि एक हजार दंपत्तियों में 13 तलाक l लेकिन इस मामले में अब इस देश के माथे पर भी चिन्ता की लकीरे उभरने लगी हैं l वैश्विक उदारीकरण से ठीक पहले यह दर जहाँ 0.5 प्रतिशत थी, वह 2019 में बढ़कर 1.3 हो गई हैl
तलाक के मामलों में एक ‘रिवर्स ट्रेंड‘
मतलब यह हुआ कि केवल 30 साल से अन्दर तलाक के मामलों में 26 गुना की वृद्धि. सामाजिक भविष्यवक्ता संक्रमण की इस गति के लगातार तेज होते जाने की निश्चित संभावना व्यक्त कर रहे हैं l तलाक के मामलों में एक ‘रिवर्स ट्रेंड‘ देखने को मिल रहा है. यदि आपसे पूछा जाए कि ‘लव मैरिज‘ में ज्यादा तलाक हो रहे हैं, या ‘अरेन्जड मैरिज‘ में ? तो अपनी सामान्य समझ के अनुसार आपका उत्तर होगा- अरेन्जड मैरिज में, क्योंकि जरूरी नहीं कि वहाँ लडके और लड़की एक दूसरे को पसन्द करते हों, उनके विचार मिलते हों l
रिलेशनशिप में धैर्य की कमी
शादी के बाद अधिकतर रिलेशनशिप धैर्य की कमी की वज़ह से टूटते हैं। धैर्य और सहनशक्ति की वह चीज़ है, जो शादी के बाद हमारे रिश्ते को बचाए रखती है। अगर आप चाहते हैं कि शादी के बाद आपका रिलेशनशिप सफलतापूर्व लाइफलॉन्ग चले तो आपको अपने अंदर चीज़ों को सहन करने की शक्ति विकसित करनी होगी। लड़ाई का कोई अंत नहीं होता है, अगर कभी नोक-झोंक हो भी गई तो उसे बड़ा इश्यू न बनाएं। धैर्य से रिलेशन मज़बूत होता है और तलाक की नौबत नहीं आती है।
बच्चों के भविष्य पर गहरा प्रभाव
भले ही एक-दूसरे से अलग हो जाने से पति-पत्नी दोनों को अपनी स्वतंत्रता वापस मिल जाए, लेकिन उनके इस गलत फैसले का उनके बच्चों के मस्तिष्क और उनके भविष्य पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है l हां, ये जरूर है कि कुछ ऐसे विवाद जरूर पैदा हो जाते हैं जिन्हें सुलझाया नहीं जा सकता और पति-पत्नी का एक साथ रहना संभव नहीं हो पाता l ऐसे में तलाक का निर्णय लिए जाने में कोई बुराई नहीं है l
लेकिन ऐसी कोशिश होनी चाहिए कि रिश्तों में आने वाली कड़वाहट को जितना हो सके उतना दूर किया जाए, एक-दूसरे की भावनाओं को महत्व दिया जाए l ऐसी कई गैर-सरकारी संस्थाओं का गठन भी हुआ है जो शादीशुदा जीवन में आने वाली कठिनाइयों और मतभेदों से दंपत्ति को बचाने के लिए सलाह देती हैं, जिससे बिना अदालती पचड़ों में पड़े दांपत्य जीवन की गाड़ी को वापस पटरी पर लाया जा सकता है l
उच्च न्यायालों का क्या कहना है
लेकिन तलाक के मामलों पर अपीलों की सुनवाई करने वाले बाम्बे उच्च न्यायालय ने आपके इस उत्तर को गलत ठहरा दिया है l कुछ समय पहले उसने बताया कि उसके यहाँ लव मैरिज के केस अधिक हैं l अरेन्जड मैरिज में तलाक का प्रतिशत जहाँ 0.8 के आसपास है, वहीं लव मैरिज का प्रतिशत 4 से 5 तक है l और अब जिस तरह भारत में लव मैरिज विवाह की मुख्य धारा बनती जा रही है, विशेषकर शहरों में, तो दाम्पत्य जीवन के सुखद-दुखद भविष्य का कुछ तो पूर्वानुमान किया ही जा सकता है l
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